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कहानी है सीता और नीतीश की
यह प्रेम कहानी है पैरों से लाचार सीता और दिव्यांग नीतीश की। ट्राइसाइकिल ही दोनों का सहारा है। कुशेश्वरस्थान की सीता अपनी बहन के ससुराल प्रोग्राम अक्सर जाती और महीनों वहां रहती थी। बिरौल प्रखंड के रसलपुर का नीतीश भी यहां अपने मामा के घर अक्सर आया करता था। दोनों की एक बार मुलाकात हुई और फिर आंखों की भाषा दिलों में घर कर गई। फिर वही हुआ जो हमेशा से होता आया है। दोनों ने एक दूसरे के होने की ठान ली। परिजनों को भी इनकी शादी में कोई एतराज़ नहीं था।
मंदिर में ट्राइसाइकिल से पहुंची दुल्हन
इस अदभुत शादी में बैंड बाजा बाराती नहीं थे। लॉकडाउन में दूरियां बनाती हुई दुल्हन सीता नए कपड़ों में ट्राइसाइकिल से मंदिर पहुंची। वहां पहले से इंतजार कर रहा दूल्हा नीतीश ने परिवार की मौजूदगी में उसे जयमाल पहनाया। फिर दोनों साथ जन्मों का साथ निभाने के फेरे में बंध गए। मौके पर दोनों के परिवार वाले एक दूसरे को बधाइयां देते हुए खुश थे। दूल्हा दुल्हन भी एक दूजे के होकर बड़ी खुश नज़र आए। जिसने भी इनकी शादी की दास्तां सुनी सभी एक सुर में वाह वाह कहते सुने गए।