कृषि वैज्ञानिक का यह कहना है
इस पेड़ के बारे में शहीद शासकीय गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय कुम्हरावंड के कृषि वैज्ञानिक डॉ आदिकांत प्रधान का कहना है कि सल्फी का पेड़ पाम फैमिली का है। इस फैमिली के पेड़ों की विशेषता यह कि इनमें शाखाएं नहीं निकलती हैं। एक ही स्टेम होता है। सल्फ ी पेड़ में शाखाएं होने का मामला पहली बार सुन रहे हैं। ऐसा होने की वजह जेनेटिक म्यूटेशन हो सकती है। इस पर शोध की जरूरत है।
पिलाहारी सल्फी के नाम से मशहूर
सल्फी के इस पेड़ को ग्रामीणों ने हल्बी बोली में पिलाहारी सल्फ ी यानि बच्चों वाली सल्फ ी पेड़ का नाम दिया है। इसे देखकर लोग आश्चर्य जताते हैं। प्रेम सिंह ठाकुर बताते हैं कि करीब 50 साल पहले उन्होंने बचपन में ऐसा ही एक पेड़ गांव के ही कुआंपारा में अपने रिश्तेदार देवचरण के घर में देखा थाए जो करीब 3 दशक पहले सूख गया।
फैक्ट फाइल
सल्फी का वानस्पतिक नाम: कैरियोटा यूरेन्स, लैटिन नाम: फि शटेल पाम, स्थानीय नाम: सल्फ ी (हिंदी) व हल्बी बोली में (गोरगा ) इसके रस में एल्कोहल की मात्रा होने की वजह से नशीला होता है। जिसकी वजह से इसे बस्तर बियर के नाम से भी जाना जाता है। एक पेड़ 18 साल की उम्र से रस देने लगता है।