पिछले कुछ महीने से मुठभेड़ के दौरान या फिर गिरफ्तारी के दौरान हमेशा ये देखा गया कि नाबालिग छात्र भी बड़े नक्सलियों के साथ नजर आते हैं। इनमें से अधिकांश नाबालिग स्कूल आश्रम या पोटाकेबिन के छात्र होते हैं। इन बच्चों का ब्रेनवाश कर नक्सली इन्हें अपनी विचारधारा से प्रभावित कर रहे हैं और उन्हें नक्सली गतिविधियों को करने की ट्रेनिंग देते हैं।
पुलिस अधीक्षक का कहना है कि बीते कुछ महीने में पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान बच्चों व किशोरों को नक्सलियों की मदद करते पकड़ा है। नाबालिग होने के वजह से ऐसे बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया जाता है। नक्सली इन्हें अपनी विचारधारा से तो जोड़ ही रहे हैं साथ ही इन्हें आईईडी प्लांट करना और बनाने जैसे कई तरीके सिखाये जा रहे हैं।
साथ ही अधीक्षक ने बताया कि ज्यादातर बच्चे कटेकल्याण एरिया और भैरमगढ़ एरिया से गिरफ्तार किए गए हैं, क्योंकि इन दोनों इलाकों में नक्सलियों के छात्र संगठन मौजूद हैं और हाल ही में छात्र संगठन का कमांडर वर्गीश एनकाउंटर में मारा गया है।