बारिश के दौरान जिले के अलग-अलग इलाकों में आई बाढ़ के बाद बीमारियों पैर पसारने लगे हैं। इससे पहले जिले के चितलनार में उल्टी-दस्त से 8 लोगों की मौत का मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। प्रशासन ने गांव में मेडिकल कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया।
वहीं कोंटा ब्लॉक के बड़े केड़वाल में भी उल्टी दस्त से तीन लोगों की मौत हो गई थी हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि त्योहार के दौरान सामूहिक भोजन और अन्य पेय पदार्थ के सेवन की वजह से मौत होने की बात कही थी। इधर बारिश के दो माह बाद कोंटा में चिकनगुनिया बीमारी ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।
बारिश के बाद बीमारी के रोक-थाम के इंतजाम नहीं
जिले का कोंटा ब्लॉक मलेरिया और
डेंगू के लिए हाई रिस्क जोन में आता है। कोंटा नगर पंचायत में बारिश के बाद 30 से ज्यादा मरीज डेंगू से पीड़ित थे वहीं अब चिकनगुनिया ने लोगों को परेशान कर दिया है। बारिश के बाद बीमारी के रोक-थाम के लिए वार्डों में दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया है। नालियों की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं।
चिकनगुनिया के केस कोंटा सीएचसी में रजिस्टर्ड नहीं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा में चिकनगुनिया का परीक्षण नहीं किया जाता हैं , जिस वजह से कोंटा में चिकनगुनिया के कितने केस हैं, हमारी जानकारी में नहीं हैं। इसकी जानकारी जिले के अधिकारियों को दी जाएगी। अथवा इलाके में चिकनगुनिया से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।