दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने अब इसके लिए 30 दिसंबर की अंतिम समय सीमा तय की गई है। निर्माण की रफ्तार को देखकर यह कहा जा सकता है मंदिर का कारीडोर शीघ्र ही नये कलेवर में होगा।
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पर्यटकों को उठानी पड़ रही है परेशानी प्रशासन की मंशा नवरात्र तक इसे पूर्ण करने की थी। दिसंबर में अगर यह पूर्ण होता है तो भी राहत की बात होगी, क्योंकि पहली दिसंबर से लेकर नव वर्ष के पूरे जनवरी महीने तक बड़ी संख्या में पर्यटक दंतेवाड़ा पहुंचते हैं। दंतेश्वरी दर्शन के बाद जिले के अन्य पर्यटन स्थलों की ओर रूख करते हैं। ऐसे में अगर कारीडोर पूर्ण नहीं होगा तो पर्यटकों को काफी असुविधा होगी। विवादों के बीच इस कारीडोर का निर्माण दंतेवाड़ा में काफी विवादों के बीच इस कारीडोर का निर्माण शुरू हुआ था। यह जुलाई की बात थी। निर्माण शुरू हुआ और काफी गति से काम भी चलने लगा। अक्टूबर के शारदीय नवरात्र में यह पूर्ण हो जाएगा, ऐसी उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब नये सिरे से नये ठेकेदारों ने इसकी रफ्तार बढ़ायी है। जय स्तंभ चौक से लेकर मंदिर के मुख्य सिंह द्वार तक कारीडोर अंतिम चरण में है। इसी तरह डंकनी नदी के किनारे रिवर फ्रंट पर भी काम चल रहा है। प्रसाद दुकानों के लिए नया निर्माण प्रारंभ हुआ है और उम्मीद की जा रही है कि महीने भर के भीतर यह पूरा हो जाएगा। ज्योति कलश भवन शारदीय नवरात्र में पूर्ण हो गया था और ज्योति कलश इसी नये भवन में प्रज्ज्वलित हुए थे।
संकटमोचन हनुमान जी की प्रतिमा का निर्माण भी जारी मंदिर परिसर में लगी संकटमोचन हनुमान जी की प्रतिमा भी व्यवस्थित की गई है और इसकी दिशा अब सहीं की गई है, और भी निर्माण जारी है और पूर्ण होने के बाद दंतेश्वरी धाम और भी भव्य लगेगा। गुणवत्ता और समय-सीमा दोनों का संतुलन/ कारीडोर निर्माण के संकल्प पूर्ण करेगा। शहरवासी बेसब्री से भव्य दंतेश्वरी कारीडोर की प्रतिक्षा कर रहे हैं।