एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि चिकपाल कैंप की सफलता को देखते हुए नक्सलियों के कोर एरिया पोटाली में भी कैंप खोला गया है। नक्सली महिलाओं को आगे करके विवाद पैदा करना चाहते हैं, इसलिए यहां महिला कमांडो को तैनात किया गया है। बिगड़ी स्थिति से निपटने के लिए इन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
इन स्पेशल 60 महिला कमांडो की भर्ती के लिए तीन क्राइटेरिया थे। 20 महिलाएं सरेंडर नक्सली हैं। दूसरी कै टेगिरी में 20 एेसी महिलाएं हैं नक्सली पीड़ित हैं। तीसरी कैटेगिरी में 20 नई महिलाएं हैं। सभी 60 लोग स्थानीय हैं और विशेष ट्रेनिंग से लैस हैं।
सडक़ कंस्ट्रक्शन को सिक्युरिटी देने में जितनी माहिर हैं उतनी ही माहिर ये जंगलों में माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाने से लेकर सर्चिंग करने में भी। ये अपने साथ एके-47 जैसे हथियारों के अलावा यूबीजीएल जैसे खतरनाक हथियार भी रखती हैं। आटोमैटिक हथियार से लैस ये कमांडोज महिला माओवादियों की तर्ज ही स्पेशल ट्रेनिंग लेकर मोर्चे पर तैनात की गई हैं। बीते एक दशक में महिला नक्सलियों ने बड़े हमले कर जवानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है और जवानों के हथियार भी महिला नक्सली लूट ले गईं हैं।
एसपी अभिषेक पल्लव बताते हैं कि पिछले एक साल में महिला कमांडो ने कई बड़ी सफलताएं हासिल की है। उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा के हिलोरी में ऑपरेशन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। तो वहीं दंतेवाड़ा उपचुनाव के दौरान यहां दोनों महिला प्रत्याशियों के चलते शांतिपूर्ण चुनाव और इन्हें सुरक्षा में देने में इनकी बड़ी भूमिका रही। वहीं पोटाली कैंप पर ग्रामीणों द्वारा हमले करने के बाद इसे शांतिपूर्ण तरीके से शांत कराने में भी इनका ही योगदान रहा। इन सब के बीच एक सालों में इन पर एक भी आरोप नहीं लगा है।
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