सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना लू लगने का प्रमुख कारण है। क्योंकि तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यत: नमक की कमी होता है।
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दिशा निर्देश में कहा गया कि जब तक अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाया जाए, इसके साथ ही धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांधने, अधिक मात्रा पानी पीने, अधिक समय तक धूप में न रहने, गर्मी के दौरान नरम, सूती के कपड़े पहनने, अधिक पसीना आने की स्थिति में ORS घोल पीने की सलाह दी गई है। इसके अलावा चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करने, शीतल पेयजल पीने, फलों का रस, लस्सी, मट्ठा आदि का सेवन करने को भी कहा गया है। आमजन प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र में निशुल्क परामर्श ले सकते है। लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार के तहत बुखार पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाने, अधिक पानी व पेय पदार्थ के सेवन, पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र किसी नजदीकी स्वास्थ्य संस्था व अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने के भी निर्देश है। इस संबंध में लू से बचाव के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.आर पुजारी ने जन सामान्य से अपील की है कि उपरोक्त लक्षण दिखाई देने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में इसका उपचार अवश्य कराएं।