2020-21 में कराड़ों का कपड़ा देश के कई शहरों में जिला प्रशासन ने सप्लाई करने का दावा किया। इतना ही नहीं नामकरण भी किया गया। डैनेक्स ब्रांड नेम दिया गया है। जिले भर में सात कारखाने खोले गए हैं। सिर्फ तीन ही संचालित हो रहे हैं।
Dantewada News: उपकरण पर 20 करोड़ से अधिक का खर्च
डैनेक्स गारमेंट्स फैक्ट्री को खोलने में तत्कालीन कलेक्टर दीपक सोनी करोड़ों रुपए फूंक डाले थे। 1 हजार महिलाओं को रोजगार से जोडऩे का दवा भी किया गया था। कारखानों के हालात बद से बद्दतर है यहां सिर्फ अंडर गारमेंट्स तैयार हो रहे हैं, वो भी दूसरी कंपनी तैयार करवा रही है। डैनेक्टस ब्रांड तो पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। अभी जो तीन कारखाने चल रहे हैं, वहां करीब 500 महिलाएं कार्यरत है। इनको कंपनी महज पांच से आठ हजार रुपाए दे रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर को छोडकर सिलाई मशीनों और उससे जुड़े उपकरण पर 20 करोड़ से अधिक खर्च किया है। लाइवलीहुड को एजेंसी बनाकर ही ये खरीदी की गई है। इसके अलावा निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग ने भी सप्लाई की है।
सिर्फ लावलीहुड ने ही 511 सिलाई मशीन खरीदी
लाइवलीहुड कॉलेज के प्रचार्य के के हिरवानी बताते है लावलीहुड ने 2012-13 में 132 सिलाई मशीनें खरीदी थी। उस दौरान वे चार्ज मेें नहीं थे। लाइवली हुड कॉलेज में खरीदी का रिकार्ड मौजूद है। बता दें जिस महिला सशक्तिकरण केंद्र के लिए ये मशीनें खरीदी गई थी, वहां सिर्फ 65 मशीने इंस्टॉल हुई थी। हालांकि समय अवधि बहुत हो गई है तो अब इस खरीदी में हुए खेल का पर्दाफाश कर पाना प्रशासन के लिए बड़ी टेढी खीर होगा। इस केंद्र को बंद करने के बाद 2018 में शक्ति गारमेंट्स लाईवलीहुड में खोला गया। एक बार फिर मशीनों की खरीदी हुई।
इस बार करीब 380 सिलाई मशीन लाईवलीहुड ने खरीदी। प्रचार्य कहते है इन मशीनों की कीमत 40 हजार से लेकर 75 हजार तक है। मोटा सा अंदाजा लगा लिया जाए तो मशीनें ही लगभग लागत 20 करोड से अधिक पहुंचती है।
एक करोड़ के कारखाने से बेचा जा रहा है चाय नाश्ता
कुओकोंडा ब्लॉक में भी डैनेक्स का कारकाना खोलने का प्लान किया गया था। इसका निर्माण करीब 1 करोड़ में हुआ। फ्लोर में मशीनों को इंस्टॉल करने के लिए वायरिग भी कर दी गई। पूरा ढांचा तैयार कर दिया गया। अब इस कारखाने से चाय नाश्ता बेचा जा रहा है। डैनेक्स कांग्रेस शासन काल सफेद हांथी साबित हुआ, लेकिन भाजपा भी इस ढांचे का इस्तेमाल सही से नही कर पा रही है। यह भी पढ़ें
Bastar News: देशभर में सबसे सैन्य संवेदनशील इलाका बना बस्तर, प्रत्येक 9 नागरिकों के पीछे एक पैरामिलिट्री का जवान…
भाजपा सरकार को लगभग एक साल होने को है। डैनेक्स के कारखानों का क्या करना है फिलहाल तो कोई प्लानिंग नजर नहीं आ रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी इस बात को बोल रहे हैं कि बहुत जल्द कुछ अच्छा करेंगे। महिलाओं को दोबारा काम जरूर मिलेगा। जिस अवधारणा को भाजपा सरकार लेकर आई थी, उसी की कॉपी कर डैनेक्स नाम दिया और करोड़ों का खेल कांग्रेस सरकार में जिला प्रशासन ने खेला था। भाजपा ने महिला सशक्तिकरण केंद्र खोला था। यह योजना खूब फली-फूली। भाजपा के सत्ता से हटने के बाद नवा गारमेंट्स फैक्ट्री को खोला गया था। करोडों रुपए डीएमएफ मद से फूकने के बाद एक कंपनी गारमेंट्स फैैक्ट्री से लाभ ले रही है।
प्रशासन ने इतना बड़ा स्ट्रक्चर फ्री में दे दिया
प्रशासन संसाधन और मान संसाधन भी कंपनी को उपलब्ध करवाए। यह कंपनी 5 से 7 सात हजार रुपए महिला कर्मचारियों को देकर मुनाफा ले रही है। इस कंपनी को सिर्फ बिजली बिल और डीजल पेट्रोल भर का खर्चा करना है। प्रशासन ने इतना बड़ा स्ट्रक्चर एक मायने में देखा जाए तो फ्री में दे दिया है। कंपनी को सीधा मुनाफा हो रहा है। प्रशासन को तो कंपनी से किराया लेना चाहिए था। कंपनी कोई जिला प्रशासन का काम तो नहीं कर रही है। वह अपना काम कर रही है, यहां जो महिलाएं काम कर रही है उसको कंपनी पैसा दे रही है।
बहुत जल्द डैनेक्स के कारखनों को दोबारा से खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जिले से ही महिलाओं को काम दिलाने का प्रयास किया जाएगा। अभी करीब 500 महिलाएं काम कर रही है। एक कंपनी के प्रॉडेक्ट तैयार हो रहे हैं। कंपनी ही महिलाओं को सैलरी दे रही है। बिजली और संसाधनों पर जो भी खर्च होता है वह कंपनी वहन करती है। कंपनी जिला प्रशासन को कुछ नहीं दे रही है। वह सिर्फ महिलाओं को रोजगार दे रही है।
जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है
Dantewada News: दंतेवाड़ा एसडीएम अभिषेक तिवारी ने पत्रिका को जानकारी दी कि जिस विभाग को सिर्फ निर्माण कार्य ही करना है, उसने सिलाई मशीनों की खरीदी भी की है। इस तरह के कारनामों को अंजाम दंतेवाड़ा में ही दिया जाता है। आरईएस विभाग ने करीब 2 करोड़ की मशीनों की खरीदी की थी। इन मशीनों को बारसूर में इंस्टॉल किया गया था। इस बात से अंदाजा लगाए कि डैनेक्स के नाम पर किस तरह की भर्राशाही की गई थी। करोड़ों रुपए का इस योजना में बंदरबांट किया गया था। कांग्रेस सरकार ने इस सफेद हांथी वाली योजना का खुब प्रचार-प्रसार भी किया। अंडे और पानी का ब्रांड नाम डैनेक्स कर दिया था। इस योजना की जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।