इतना ही नहीं
न्यायधीश ने शिक्षक के इस घिनौने कृत्य पर टिप्पणी भी की है। इस टिप्पणी में उन्होंने साफ कहा है यह कृत्य शिक्षक का किसी भी दृष्टिकोण से माफी के काबिल नहीं है। यह मामला खेल शिक्षक के घिनौने कृत्य से जुड़ा हुआ है।
Crime News: क्या था मामला?
29 अक्टूबर 2024 को पीड़ित छात्रा को आरोपी शिक्षक ने अपने गीदम निवास पर खेल का फॉर्म लेकर आने के बहाने बुलाया था। इसके बाद उसके साथ
छेडख़ानी और दुराचार करने का प्रयास किया गया। मामले की शिकायत आदिम जाति कल्याण थाना और दंतेवाड़ा कोतवाली थाना में की गई थी। शिकायत के आधार पर आरोपी के विरुद्ध पॉक्सो और एट्रोसिटी की संगीन धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया गया था।
पॉक्सो एक्ट के तहत पाया गया दोषी
थाना पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच की। कोर्ट में पेश की गई केस डायरी में पीड़िता का कथन, घटना स्थल का नजरी नक्शा और इस केश से जुड़े सभी साक्ष्यों को कथन बद्ध किया गया। फास्ट टै्रक कोर्ट के न्यायधीश शैलेश शर्मा ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी अजय सिंह को
पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया और वहीं एट्रोसिटी एक्ट में निर्दोष पाया।
सश्रम करावास और 50 हजार का अर्थदंड भी
Crime News: न्यायधीश शैलेश शर्मा ने भारतीय न्याय सहिंता की धारा 74 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड और धारा 10 के आरोप में सात वर्ष का सश्रम करावास और 50 हजार का अर्थदंड भी दिया गया है। यदि सजायाफ्ता अजय सिह अर्थदंड नही चुकाता है तो एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।