CG News: कबाड़ में तब्दील हो रही मशीनें
इस केंद्र को नाम दिया गया शक्ति गॉरमेंटस केंद्र यहां भी मौजूदा वक्त के अधिकारियों ने करीब 125 से अधिक मशीनों को खरीदा। अब यह मशीनें भी लाइवलीहुड कॉलेज में जंग खा रही है। मशीनों की कुल संख्या पर नजर डाली जाए तो 185 से भी अधिक है। ये मशीनें कबाड़ में तब्दील हो रही है। इधर करीब 120 महिलाएं बेरोजगार हो चुकी है। इन महिलाओं ने 2015 से कोरोना काल तक काम किया है। बताया जाता है ये महिलाए 12 से 20 हजार रुपए तक प्रति माह कमाती थी। अब ये सभी महिला पूरी तरह से बेरोजगार है। ये महिलाएं अभी इस आस में बैठी है सरकार बदली है तो शायद एक बार फिर महिला सशक्तिकरण केंद्र खुले और फिर से काम मिल जाए।
पत्रिका में खबर छपने के बाद प्रशासन हरकत में तो आया है। केंद्र का ताला खुलवाकर पूरी पड़ताल की गई है। इधर से पूरी जानकारी ले ली गई है पर लाईवलीहुड कॉलेज के कमरों में बंद पड़ी मशीनों तक प्रशासनिक टीम नही पहुंची है।
दोबारा खोलने का पूरा प्रयास होगा
जिला पंचायत सीईओ, जयंत नहाटा: इस मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है। आखिर महिला सशक्तिकरण केद्र को क्यों बंद कर दिया गया था। अभी बाहर हूं। आने के बाद इस पर प्लान कर कुछ अच्छा करेगें। दोबारा से खोलने का पूरा प्रयास होगा। लाईवलीहुड कॉलेज की मशीनों को भी दिखवाता हूं। जिस मंशा के साथ तत्कालीन कलेक्टर केसी देव सेनापति ने इस केंद्र को खुलवाया था वह फलीभूत भी हो रहा था। यहां महिलाए सिर्फ 20 रुपए में पेंट शर्ट सिला करती थी। जितनी का दिन भर में होता था वह रजिस्टर में अंकित किया जाता था।
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यहां काम करने वाली महिलाओं को एक कार्ड दिया गया था, उस कार्ड में कितना काम किया वह दर्ज होता था। जैसे ही माह पूरा हो जाता तो उनको उनकी मेहनत का पैसा समूह के खाते से निकाल कर दिया जाता था। महिला सशक्तिकरण केंद्र को 2017-18 में बंद कर दिया गया। यहां की महिलाओं को शक्ति केंद्र लाईवलीहुड कॉलेज भेजा गया। भाजपा सरकार ने दो बसें दी। इन्हीं बसों से महिलाएं आना जाना करती थी। जैसे ही सरकार बदली इस योजना के पैर उखडऩे लगे। 2021 में यह केंद्र भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसके बाद ये महिलाए बेरोजगार हो गई।
महिलाओं को दिखाया गया बाहर का रास्ता
CG News: कांग्रेस की सरकार जैसे ही सत्ता में आई उसने इस कार्यक्रम को पूरी तरही से बंद कर दिया। साथ ही नया कॉन्सेप्ट को लेकर आई। उस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी थे। उन्होंने नवा गारमेंट्स कपड़ा फैक्ट्री खोली और डैनेक्स नाम दिया। सबसे पहले इसे गीदम के हारम से शुरू किया गया। 2021 में कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने महिला सशक्तिकरण केंद्र में काम करने वाली महिलाओं को कपड़ा सिलते हुए दिखाया गया। इधर तत्कालीन सीएम जैसे ही रायपुर रवाना हुए तत्काल महिलाओं को डैनेक्स के गेट के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। डैनेक्स को इस सरकार ने बड़े प्रारूप में जिले भर में करीब सात कारखाने खोले, इनका भी हाल दयनीय स्थिति में है।