CG Education: शिक्षकों की व्यवस्था करना भूल गई सरकार
आदिवासी बाहुल्य जिले में कॉलेज तो खोल दिए गए हैं लेकिन जो सबसे जरूरी शिक्षकों की व्यवस्था की जानी थी, उसे पूरा करना सरकार भूल गई है। नाम मात्र और झूठी उपलब्धि के लिए खोले गए कॉलेज, बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोंटा ब्लॉक के छात्र-छात्राओं को 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2011 में नए डिग्री कॉलेज की सौगात दी थी। जिसमें आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स फैकल्टी की सुविधा दी गई। ब्लॉक मुख्यालय में ही नवीन महाविद्यालय की स्थापना करते हुए दावा किया गया कि इलाके के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। साथ ही स्थानीय कॉलेज में पढ़कर बच्चे काबिल बनकर क्षेत्र के विकास में सहभागी बनेंगे लेकिन बीते 13 साल से कॉलेज में मंजूर सेटअप के अनुसार टीचिंग स्टाफ ही नहीं हैं और बिना शिक्षकों के ही कॉलेज संचालित किया जा रहा है।
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कॉलेज सेटअप के अनुसार टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ की संया करीब 23 की है। जबकि कोंटा डिग्री कॉलेज में 11 लोग ही पदस्थ हैं। जिसमें 3 रेगुलर प्रोफेसर हैं। वहीं प्राचार्य समेत 8 पद रिक्त पड़े हैं। प्रभारी प्राचार्य के भरोसे कॉलेज संचालित किया जा रहा है। कॉलेज में कार्यालयीन कार्य को सपन्न कराने 12 पद स्वीकृत हैं। इसके एवज में केवल 3 लोग ही काम कर रहे हैं।विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा प्रैक्टिकल नॉलेज…
CG Education: कोंटा डिग्री कॉलेज में बनी प्रयोगशालाएं महज औपचारिकता पूर्ण कर रही हैं। इन लैब में विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान नहीं मिल रहा है। विद्यार्थी केवल थ्यौरी ज्ञान ही हासिल कर पा रहे हैं। साइंस फैकल्टी में सीट फूल हैं। इसमें 50 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है। साइंस के लिए केमेस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी के लैब जरूर हैं लेकिन इनमें प्रयोग करने के लिए पर्याप्त शिक्षक हैे और न ही लैब टेक्नीशियन हैं। वहीं भूगोल लैब की भी यही स्थिति है। कॉलेज में कुल 3 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत हैं लेकिन केवल एक मात्र लैब टेक्नीशियन कार्यरत है।शाम होते ही बन जाता है मयखाना
कॉलेज परिसर की सुरक्षा भी गंभीर चिंता का विषय है। बाउंड्री वॉल न होने के कारण परिसर शाम होते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। छात्रों को हर दिन सुबह कॉलेज परिसर में पड़े शराब की बोतलें और टूटे शीशों को साफ करके कॉलेज में प्रवेश करना पड़ता है। इसके अलावा, कॉलेज के शौचालयों की स्थिति भी बहुत खराब है, जिससे छात्राओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।टीचरों की कमी
छात्रा अनामिका ठांडीया का कहना है कि कॉलेज में टीचरों की कमी हैं, जिससे अध्ययन कार्य काफी प्रभावित हैं। बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण देवालय जैसे जगह पर प्रतिदिन शराब की सेवन किया जाता हैं। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।समस्या का अंबार
छात्र बी राजकुमार ने पत्रिका को बताया कि प्रतिदिन हम सभी छात्र-छात्राएं सुबह शराब के खाली बोतल व टूटे हुए शीशे के टुकड़ों को साफ करने के बाद ही विद्यालय में प्रवेश करते हैं। यहां बिजली का आना जान लगा रहता हैं, जिससे आनलाइन क्लासेस काफी प्रभावित हैं। यह भी पढ़ें
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कॉमर्स में एक भी रेगुलर टीचर नहीं…
कॉलेज में कॉमर्स फैकल्टी की टीचिंग व्यवस्था बेहद कमजोर है। इस फैकल्टी में एक भी रेगुलर टीचर नहीं है। कॉलेज की स्थापना के बाद से लगातार कॉमर्स के प्रोफेसर की मांग की जा रही हैं लेकिन शासन स्तर पर सुनवाई नहीं होने की वजह से आज पर्यंत कॉलेज में टीचर की व्यवस्था ही नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से कॉमर्स के प्रति बच्चों को रूचि कम हो रहा है। इस साल कॉमर्स में महज 12 छात्रों ने ही एडमिशन लिया है।जल्द समस्याओं का निराकरण करना चाहिए
CG Education: नमीर अली युवा नेता का कहना है कि शासन प्रशासन उच्च शिक्षा देने की जो दावें करती हैं, जमीनी हकीकत ठीक उसके विपरीत नजर आ रहा हैं , कोंटा में कॉलेज तो खोल दिया गया हैं , परंतु न ही पर्याप्त शिक्षक पदस्थ नहीं किए हैं, शौचालय खबर पड़े होने के कारण छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा हैं। मैं शासन प्रशासन से मांग करता हूं की यह सभी समस्याओं को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जल्द से जल्द सभी समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। प्रभार प्राचार्य बीएससी कॉलेज सुरेश बाबू कहते हैं कि महाविद्यालय में कई विषय के शिक्षक नहीं हैं। शासन स्तर पर कई बार टीचर्स की कमी को पूरा करने के लिए अवगत कराया गया है। सेटअप अनुरूप टीचिंग स्टाफ नहीं होने से शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए शासन की ओर से निर्धारित मानदेय पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई।