अरनपुर ब्लास्ट में शहीद हुए मुन्ना कड़ती की पत्नी ने भी गीदम थाना में शिकायत दर्ज करवाई है। इस भूमाफिय की शिकायत डीजीपी, आईजी, ई ओ डब्लू से लेकर कलेक्टर दंतेवाड़ा तक हुई है। इन अधिकारियों के पास शिकायत होने के बाद उतनी तेजी से जांच नही हो रही है। इस पूरे मामले में राजस्व अमला का भी बड़ा रोल है। सूत्र बता रहे हैं कि एक रिटायर आर आई भी पूरे मामले में शामिल है। ठगी के शिकार हुए लोगों लंबी फेहरिस्त है। 40 से अधिक लोगों से जमीन देने के नाम पर 5 से 7 लाख रुपए की वसूली की गई। इतना ही नही वसूली का पैसा मां और भाई के खाते में भी जमा करवाया गया है।
नक्सल संगठन को छोड़ कर मुख्यधारा में आए डीआरजी के जवानों से ठगी
समर्पित मओवादी मुन्नाकड़ती की पत्नी रामो कड़ती की बड़ी दर्द भरी दास्ता है। उसके पति का तो पूरा परिवार ही माओवाद की आग में झूलस चुका है। मुन्ना कड़ती अरनपुर में हुए बम ब्लास्ट में मारा जा चुका है। 2005 में सलवा जुडूम के दौरान भाई दिनेश कड़ती की हत्या कर दी गई थी। मुन्ना कड़ती कुछ सालों संगठन में काम किया। वह रिया कमेटी रहा है। उस पर शासन की ओर से पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। नक्सलवाद को करीब से देखने के बाद मोह भंग हुआ तो वह छोड़ कर मुख्यधारा में आया। अब वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दंतेवाड़ा में ही आसियाना बना कर रहना चाहता था। इसके लिए उसने पहले की और 2019 में भू माफिया आलोक भगत को पैसा दिया। उसके दिखाए सब्ज बाग में फंस गया। पैसा भी नही मिला और घर का सपना भी चकनाचूर हो गया। बच्चों के साथ अपने घर का अधूरा सपना ही रहा। अरनपुर बम ब्लास्ट में मुन्ना कड़ती शहीद हो गया। अब पत्नी पैसे के लिए चप्पल घिस रही है।
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CG Crime News: डॉक्टर को दिखया अस्पताल का सपना
भू माफिया आलोक भगत ने डॉक्टर राजेश ध्रुव को अस्पताल खुलवाने का सपना दिखाया। उसने कारली के पास जमीन दिखाई और पहले 30 लाख रुपए लिए। इसके कुछ दिनों बाद फिर आया और बोला राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से भी खूब परिचय है। अस्पताल के लिए फंड दिल्ली से लाएगें। डॉक्टर ने लोन निकाल कर 35 लाख रुपए रिटायर आर आई के सामने पैसा दिया। डॉ राजेश ध्रुव कहते है अलोक भगत ही नहीं पूरा परिवार ठगी में शामिल है। आलोक भगत का भाई अनूप भगत के खाते में भी पैसा ट्रांसफर किया गया है। बहुत लोगों को ठगा है। इस मामले की सही पड़ताल करें तो आलोक भगत के कई साथी बेनकाब होगें। दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर के भी लोगों को भी जमीन का सपना दिखाकर पैसा ऐंठा है। आलोक भगत ने तहसील ऑफिस में पदस्थ कर्मचारियों को भी फंसाया है, उनको भी नही छोड़ा है।