दंतेवाड़ा

नक्सलियों की इस करतूत से 36 घंटे बाद भी बहाल नहीं हो पाया रेलवे मार्ग

परिवहन शुरू करने दिन भर जारी रही मशक्कत

दंतेवाड़ाJun 26, 2018 / 03:17 pm

Badal Dewangan

नक्सलियों की इस करतूत से 36 घंटे बाद भी बहाल नहीं हो पाया रेलवे मार्ग

दंतेवाड़ा. माओवादियों का सॉफ्ट टारगेट रेलवे ट्रैक रहा है। शनिवार रविवार की दरम्यानी रात माओवादियों से लौह अयस्क से भरी मालगाड़ी को बड़ी क्षति पहुंचाई है। तीन साल बाद माओवादियों ने लोड मालगाड़ी को टारगेट किया है। इस वारदात के बाद अधिकारियों में 2015 के खुलासे की चर्चा भी गरम हो गई।

रायपुर के स्क्रेप व्यापारी अरूण अग्रवाल और माओवादी गठजोड़ का खुलासा हुआ था। इस व्यापारी ने माओवादियों के मालगाड़ी को डिरेल करने के पीछे उनकी पूरी चाल का खुलासा किया था। उसने पुलिस को बताया था कि वह एरिया कमांडर को भी स्क्रेप और लौह अयस्क का पैसा देता है।
लोहे का रेट कम होने की वजह से माओवादियों ने भरी मालगाडिय़ों को तीन साल से टारगेट नहीं किया। उन्होंने रेलवे को क्षति पहुंचाई तो खाली मालगाडिय़ों को नुकसान पहुंचाया। इस बार माओवादियों ने लौह अयस्क से भरे 22 वैगन को पटरी से उतार दिया। इसमें कई टन लौह अयस्क है। इस अयस्क की तस्करी की चर्चा पुलिस अधिकारी सहित आम लोग भी करते नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार नोटबंदी के बाद माओवादी आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं। एक बार फिर माओवादी अपनी पुरानी स्थिति को पाने के लिए पुराना रवैया अख्तियार करने में जुटे हैं।
पहली बार शहरी नेटवर्क के आरोप में दस लोगों को दस साल की सजा : अरूण अग्रवाल के खुलासे के बाद स्थानीय स्तर का भी नेटवर्क पुलिस के हत्थे चढ़ा। अरूण अग्रवाल का भतीजा मोहक गर्ग भी माओवादी कमांडर संजय कड़ती के सीधे संपर्क में था। इन दोनों से पूछताछ के बाद किरंदुल के तारिक उमर पप्पू पठान को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही सात लोगों को और बारीबारी पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने भांसी के जंगल से माओवादियों को जा रही लैथ मशीन वाहन सहित जब्त की थी। मजबूत विवेचना ने सभी आरोपियों को दो साल के ट्रायल के बाद न्यायालय से दस- दस साल की सजा दिलवाई।
 

शहरी नेटवर्क पकड़ा गया तो ये हुआ था खुलासा
2015 में रायपुर एयरपोर्ट से रेलवे के स्क्रेप व्यापारी अरूण अग्रवाल को दंतेवाड़ा पुलिस ने पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद अधिकारियों ने माओवादी संगठन से जुड़े कई खुलासे किए। अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि लौह अयस्क से भरी बोगी को गिराने के पीछे माओवादियों का दोहरा मकसद है। पहला मकसद माओवादियों की धमक दिल्ली तक पहुंचती है। दूसरा स्क्रेप और अयस्क में संगठन की हिस्सेदारी होती है। भांसी इलाके का कमांडर संजय कड़ती और अग्रवाल का गठजोड़ भी सामने आया। अरूण अग्रवाल, संजय कड़ती को स्क्रेप और अयस्क बेचने के बाद हिस्सा दिया करता था। इसके साथ ही विस्फ ोटक और कारतूस भी पहुंचाता था। अरूण अग्रवाल के मुनीम के यहां से पुलिस ने 315 बोर के राउंड भी बरामद किया था।

वक्त लगेगा
किरंदुल एसडीओपीधीरेंद्र पटेल ने बताया कि, रेलवे पुल और लाइन पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। कितना वक्त लगेगा, यह कह पाना मुश्किल है। माओवादी संगठन और स्क्रेप की कालाबाजारी की बात समय- समय पर सामने आई है। इस तरह के मामले का खुलासा 2015 में हुआ हुआ था। रायपुर के व्यापारी सहित शहरी नेटवर्क में दस आरोपियों ने न्यायालय ने सजा सितंबर 2017 में सुनाई थी। इस वारदात में भी माओवादी और व्यापारियों के बीच गठबंधन की दिशा में भी पड़ताल की जा रही है।

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