दमोह

दमोह में डिजिटल अरेस्ट के लिए अपनाया यह तरीका, फंस गई महिला

हैलो, आपका नंबर अवैध गतिविधियों में पाया गया है, डिजिटल अरेस्ट हो जाएं,एक घंटे तक महिला ने खुद को किया डिजिटल अरेस्ट, सायबर सेल ने कराया मुक्त

दमोहJan 05, 2025 / 11:45 am

Samved Jain

एक घंटे तक महिला ने खुद को किया डिजिटल अरेस्ट, सायबर सेल ने कराया मुक्त

दमोह. दमोह में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला को सायबर अपराधियों ने एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा। परिजनों की सतर्कता से वह धोखाधड़ी का शिकार तो नहीं पाई है। सायबर टीम की समझाइश के बाद अब महिला की मानसिक हालत भी सामान्य है।
दरअसल, मामला जबलपुर नाका चौकी क्षेत्र से सामने आया। जहां आमचौपरा क्षेत्र में रहने वाली ट्यूशन टीचर महिला को सुबह करीब ९ बजे एप जेनरेटेड कॉल +९२ कोड से आई। जैसे ही कॉल रिसीव किया, उसे बताया गया कि हैदराबाद पुलिस से बात कर रहे हैं, आपका मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों में पाया गया है। इससे अवैध काम हो रहे हैं। अधिकारी से बात करने के लिए ९ दबाएं। जिसे दबाते ही एक व्यक्ति ने पुलिस बनकर बात की और बताया कि आपके विरुद्ध हैदराबाद पुलिस में एफआइआर दर्ज की गई है। जरूरी कार्रवाई के लिए हैदराबाद पुलिस का वॉट्स कॉल आएगा। आप डिजिटल अरेस्ट हो चुकी हैं, व्यवधान न हो इसके लिए स्वयं को कमरे में बंद कर लें।
इस कॉल के बाद महिला घबरा गई और स्वयं को एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट कर लिया। वह करीब एक घंटे तक कमरे में बंद रही। परिजनों को जैसे भनक लगी, तत्काल ही उन्होंने मामले की जानकारी सायबर सेल शाखा हेड कांस्टेबल राकेश अठ्या को दी। अठ्या भी सुबह सवा १० बजे उसके घर पहुंच गए। जहां बमुश्किल महिला को कमरे से बाहर निकाला गया। वह बहुत डरी हुई थी। जिसे बताया गया कि वह अब सुरक्षित है। उसके नंबर से कोई अवैध काम नहीं हुआ। न ही कोई एफआइआर हुई है। ये सब फ्रॉड काल थी। इसके बाद ही महिला ने राहत की सांस ली।
वॉट्स कॉल देख डर गई थी महिला
महिला ने बताया कि पहले डिजिटल अरेस्ट करने कहा गया। इसके बाद वॉट्स एप पर एक कॉल आई। जिसमें पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। कॉल रिसीव करते हुए हैदराबाद पुलिस थाना दिखाया गया। साथ ही पुलिस अधिकारी ने मुझसे बात की और उसके नंबर से हुए अवैध कार्यों, एफआइआर की जानकारी दी। साथ ही अरेस्ट करने की बात कही। उनके द्वारा मांगे गए डॉक्यूमेंट भी उसने भेज दिए थे। अब महिला के साथ ठगी होना थी, लेकिन इसके पहले ही परिजनों ने सायबर की मदद से उसे बचा लिया।
बिहार के नंबर से आई थी कॉल
सायबर सेल हेड कांस्टेबल राकेश अठ्या ने बताया कि जानकारी मिलते ही वह पीडि़त के घर पहुंच गए थे। जहां बड़ी मुश्किल से महिला को समझा पाया। वह बहुत डर गई थी। मेरे सामने भी फ्रॉड के कॉल आ रहे थे, जिसे ब्लेक लिस्ट कराया गया। साथ ही ऐसे कॉल नहीं लेने की सलाह दी गई। महिला और उसके परिजनों ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने की बात कही। जिससे प्रकरण दर्ज नहीं हो सका है।
जागरुकता बहुत जरूरी
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे सायबर अपराध को रोकने पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है। जिसे पढ़कर लोग जागरुक हो रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वह ऐसे कॉल न लें। जागरुक रहें और इस तरह की ठगी से बचें।

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