दमोह. वैसे तो जिले के जंगलों में अनेक वन्यजीवों की भरमार है, लेकिन कुछ की जंगल की खास पहचान हैं, लेकिन उनके संरक्षण व सुरक्षा को लेकर खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे वन्यजीव हमेशा शिकारियों के निशाने पर होते हैं। ऐसा ही कृष्णमृग बहुङ्क्षसगा प्रजाति का काला हिरण (ब्लैक बक डीयर) है। जो स्वभाव से चंचल और काफी फुर्तीला माना जाता है। जिले के पथरिया, तेंदूखेड़ा, हटा, बटियागढ़ आदि क्षेत्र के जंगलों काले हिरण अच्छी खासी संख्या में हैं, लेकिन इनके संरक्षण और सुरक्षा को लेकर ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में शिकारी जंगलों में घुसकर बड़ी आसानी से काले हिरणों का शिकार कर रहे हैं।
पिछले कुछ समय के दौरान शिकार के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसी परिस्थितियां निर्मित हो रही हैं। जिनसे काले हिरण रहवासी इलाकों की तरफ आ रहे हैं। जहां कुत्ते काले हिरण पर हमला कर रहे हैं।
शिकारियों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान
जानकारों के अनुसार 1972 के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची.1 के तहत काले हिरण को संरक्षित किया गया है और इसका शिकार प्रतिबंधित है। शिकार करने पर आरोपी के विरुद्ध सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन जिले में वन अमले की निष्क्रियता से शिकारी अक्सर शिकार करने में सफल हो जाते हैं और पकड़े भी नहीं जाते।
पिछले कुछ समय के दौरान शिकार के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसी परिस्थितियां निर्मित हो रही हैं। जिनसे काले हिरण रहवासी इलाकों की तरफ आ रहे हैं। जहां कुत्ते काले हिरण पर हमला कर रहे हैं।
शिकारियों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान
जानकारों के अनुसार 1972 के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची.1 के तहत काले हिरण को संरक्षित किया गया है और इसका शिकार प्रतिबंधित है। शिकार करने पर आरोपी के विरुद्ध सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन जिले में वन अमले की निष्क्रियता से शिकारी अक्सर शिकार करने में सफल हो जाते हैं और पकड़े भी नहीं जाते।
विगत माह किया था शिकार
जिले में करीब सवा महीने पहले जुलाई में काले हिरण के शिकार का सामने आया था। यह मामला हटा वन परिक्षेत्र का है। दरअसल, यहां बिला गांव के पास दो शिकारियों काले हिरण का शिकार किया था। जब आरोपी हिरण के शव को लेकर भाग रहे थे। उस दौरान वन अमले ने हरदुआ निवासी आरोपी गुड्डू पिता भगवान ङ्क्षसह लोधी उम्र 38 वर्ष को हिरण के शव के साथ पकड़ लिया था। हालांकि दूसरा आरोपी फरार हो गया था। वहीं खुलासा हुआ था कि नर हिरण की उम्र सवा दो साल थी। जिसका आरोपियों ने गोली मारकर शिकार किया था।
&वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा ही एहतियात बरती जा रही है। शिकारियों के जंगलों में होने की सूचना पर तत्काल अमला पहुंचकर कार्रवाई करता है। काणे हिरण संरक्षित वन्यप्राणी हैं।
एमके उइके, डीएफओ
जिले में करीब सवा महीने पहले जुलाई में काले हिरण के शिकार का सामने आया था। यह मामला हटा वन परिक्षेत्र का है। दरअसल, यहां बिला गांव के पास दो शिकारियों काले हिरण का शिकार किया था। जब आरोपी हिरण के शव को लेकर भाग रहे थे। उस दौरान वन अमले ने हरदुआ निवासी आरोपी गुड्डू पिता भगवान ङ्क्षसह लोधी उम्र 38 वर्ष को हिरण के शव के साथ पकड़ लिया था। हालांकि दूसरा आरोपी फरार हो गया था। वहीं खुलासा हुआ था कि नर हिरण की उम्र सवा दो साल थी। जिसका आरोपियों ने गोली मारकर शिकार किया था।
&वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा ही एहतियात बरती जा रही है। शिकारियों के जंगलों में होने की सूचना पर तत्काल अमला पहुंचकर कार्रवाई करता है। काणे हिरण संरक्षित वन्यप्राणी हैं।
एमके उइके, डीएफओ