इस बार गांव की जगह जंगल व चारागाह दिखे पिछले साल वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में कई गांव बसे हुए थे, जिससे जंगल के बीच रहवासी इलाके नजर आते थे। इस बार कई गांव विस्थापित हो चुके हैं। जिससे वहां जंगल और चारागाह बन चुके हैं। सैलानी पहुंचे, तो यहां गांव की जगह जंगल और चारागाह नजर आए हैं। साथ ही दूर दूर तक खाली इलाके देखने को मिले। शांत माहौल के बीच काफी रोमांचक अनुभव रहा।
दोगुने हुए सैलानी, सुबह शाम चल रहीं 4 जिप्सी पिछले 10 दिनों में जितने सैलानियों ने टाइगर रिजर्व का दौरा किया है, वो पिछले साल के शुरूआती दिनों की तुलना में दोगुने हैं। पिछले साल शुरूआती 10 से 15 दिनों में यहां 100 से 125 सैलानियों ने ही दौरा किया था। इस बार अब तक 200 से ज्यादा सैलानियों ने वीडीटीआर में विजित किया। यहां रोज सुबह.शाम 4 जिप्सी चल रही हैं।
दूसरे जीव मिले, लेकिन बाघों का दीदार नहीं हुआ वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में सैलानियों को नीलगाय, भालू, चीतल, चिंकारा सांभर और बारहसिंघा जैसे वन्यजीव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन अभी तक बाघ नहीं दिखे हैं। हालांकि सैलानियों को सफारी के दौरान कई बार बाघों के पगमार्क जरूर मिले। सैलानियों को उम्मीद है कि जल्द ही बाघ दिखेंगेए तो जंगल सफारी और रोमांचक होगी।
इधर, दमोह सेंचुरी हैंडओवर हुई, तो बफर एरिया अटका दमोह वन मंडल के रानी दुर्गावती अभयारण्य को अब आधिकारिक रूप से वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में शामिल कर लिया गया है। पिछले सप्ताह ही हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी हुई। हालांकि दमोह वन मंडल के 550 वर्ग किमी का बफर एरिया अभी तक टाइगर रिजर्व को नहीं सौंपा गया है। अभी सिर्फ ये कहा जा रहा है कि जल्द ही यह बफर एरिया भी टाइगर रिजर्व को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
वर्जन
टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ रहा है। सुबह शाम दो-दो जिप्सी चल रही हैं। यहां रोज 20 से 25 सैलानी पहुंच रहे हैं। जो पिछले साल से ज्यादा हैं। पर्यटन और बढ़े, इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
.एए अंसारी, डिप्टी डायरेक्टर वीडीटीआर
टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ रहा है। सुबह शाम दो-दो जिप्सी चल रही हैं। यहां रोज 20 से 25 सैलानी पहुंच रहे हैं। जो पिछले साल से ज्यादा हैं। पर्यटन और बढ़े, इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
.एए अंसारी, डिप्टी डायरेक्टर वीडीटीआर