पंचायती राज का लाभ डिजिटल स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना लक्ष्य
हैदराबाद में हुई कार्यशाला में मप्र की ओर से शामिल हुई दमोह जनपद अध्यक्ष प्रीति कमल ठाकुर बोली- दमोह. पंचायतों में रहने वाले लोगों को कैसे बिना भागदौड़ के योजनाओं का लाभ मिले, डिजिटल स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो जाए।योजनाओं का लाभ मिल जाए। इन सभी विषयों पर आधारित कार्यशाला का आयोजन बीते […]
पंचायती राज का लाभ डिजिटल स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना लक्ष्य
हैदराबाद में हुई कार्यशाला में मप्र की ओर से शामिल हुई दमोह जनपद अध्यक्ष प्रीति कमल ठाकुर बोली- दमोह. पंचायतों में रहने वाले लोगों को कैसे बिना भागदौड़ के योजनाओं का लाभ मिले, डिजिटल स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो जाए।
योजनाओं का लाभ मिल जाए। इन सभी विषयों पर आधारित कार्यशाला का आयोजन बीते दिनों हैदराबाद में किया गया। इसमें आठ राज्यों के चुनिंदा जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इसमें मप्र से दमोह जनपद अध्यक्ष प्रीति कमल ठाकुर भी शामिल हुई थी। कार्यशाला का क्या अनुभव रहा, कैसे अब उसे लागू किया जाएगा, इस पर पत्रिका ने उनसे विस्तृत चर्चा की।
Q.मप्र से इस कार्यशाला के लिए आपका चयन हुआ, कैसा महसूस हुआ?
A.निश्चित ही यह गौरव का पल था। आठ राज्यों के चिनिंदा जनप्रतिनिधि ही इसमें शामिल हुए थे।
Q. कार्यशाला में सबसे प्रमुख बात क्या थी?
A. जमीनी स्तर पर लोक सेवाओं को कैसे प्रदाय किया जाए। यह विषय प्रमुख था। कार्यशाला में हमें समझाया गया कि निम्न स्तर तक और अंतिम व्यक्ति तक लोक सेवाओं को डिजिटल माध्यम से कैसे पहुंचाए। जैसे हर व्यक्ति के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो आप उनको कैसे जोड़े और कैसे सेवाएं देने का काम करें।
Q.अब इसे लोकल स्तर पर कैसे लागू करेंगे?
A.इसके लिए एक रूपरेखा तैयार की जा रही है। हर व्यक्ति, गरीब और बूढ़े व्यक्तियों को परेशान ना होना पड़े, यह सब हमें वहां समझाया गया है। ऐसे में लक्ष्य यही रहेगा कि जनपद तक आए बिना ही लोगों के काम हो जाएं।
Q.डिजिटल हेल्प किस तरह से होगी?
A.सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से लोगों को सेवाएं दे सकते हैं, उनकी समस्याओं का एक ऐप अलग बनाया जाए और हर ग्रुप में पंचायत से जोड़ा जाए, जिससे कि वे घर बैठे अपनी समस्याएं बता सकें। उन समस्याओं का निराकरण आप ग्रुप के माध्यम से कर सके। इस ग्रुप की मॉनीटरिंग की जाएगी।
Q.लोगों को और क्या-क्या फायदे होंगे?
A.डिजिटल रूप से गांव के अंतिम व्यक्ति से जुडऩा है। अब इसका फायदा ग्रामीणों को लेना है। हम योजनाओं के साथ-साथ मौसम की जानकारी से भी ग्रामीणों को हर दिन अपडेट कराएंगे।
Q.कार्यशाला का अनुभव कैसा रहा?
A.अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को हम डिजिटल कैसे बनाए और उन्हें कैसे जोड़ के रखे कि उन्हें ब्लॉक तक ना आना पड़े और उन्हें कष्ट ना उठाना पड़े। इस संबंध में हमें बहुत अच्छा अनुभव मिला है और उन सेवाओं को देने की कोशिश पंचायतों के माध्यम से कर रही हूं। दो महीने में काफी बदलाव देखने मिलेगा।
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