दमोह/काईखेड़ा. आश्रित गांव देवलाई माध्यमिक विद्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों की जान पर हर समय खतरा बना रहता है। स्कूल की सीङ्क्षलग से प्लास्टर नीचे गिर रहा है। इससे छत के नीचे बैठने वाले विद्यार्थियों के चोटिल होने का खतरा बना हुआ है।
कई बार शिकायत करने के बावजूद भी भवन की मरम्मत नहीं कराई गई है। विकासखंड से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी से भी इसकी शिकायत की जा चुकी है। जनसुनवाई कार्यालय में भी स्कूल मरम्मत की मांग कर चुके हैं। पर 3 वर्ष बीतने के बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी हैं। ऐसे में जर्जर भवन में विद्यार्थी पढऩे तो शिक्षक पढ़ाने मजबूर हैं।
स्कूल प्राचार्य ने बताया कि 64 छात्र- छात्राएं इस स्कूल में अध्ययनरत है और पिछले 3 वर्षों से संख्या भी कम हो रही है। विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते है। कारण भवन जर्जर है और गिरने का खतरा रहता है। एकीकृत माध्यमिक विद्यालय हेड मास्टर ने बताया कि विद्यालय में तीन कमरे शेष बचे हैं, जिसमें थोड़ी बहुत बैठने की व्यवस्था बना लेते हैं। उसी में छात्र भी बैठते हैं, लेकिन वह भी अब जर्जर होने लगे हैं। छत से प्लास्टर नीचे गिरता रहता है। बारिश होने पर बच्चों को एक साथ सुरक्षित जगह पर खड़ा करना पड़ता है, पूरा लीकेज पानी से हो जाता हैं।
कई बार शिकायत करने के बावजूद भी भवन की मरम्मत नहीं कराई गई है। विकासखंड से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी से भी इसकी शिकायत की जा चुकी है। जनसुनवाई कार्यालय में भी स्कूल मरम्मत की मांग कर चुके हैं। पर 3 वर्ष बीतने के बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी हैं। ऐसे में जर्जर भवन में विद्यार्थी पढऩे तो शिक्षक पढ़ाने मजबूर हैं।
स्कूल प्राचार्य ने बताया कि 64 छात्र- छात्राएं इस स्कूल में अध्ययनरत है और पिछले 3 वर्षों से संख्या भी कम हो रही है। विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते है। कारण भवन जर्जर है और गिरने का खतरा रहता है। एकीकृत माध्यमिक विद्यालय हेड मास्टर ने बताया कि विद्यालय में तीन कमरे शेष बचे हैं, जिसमें थोड़ी बहुत बैठने की व्यवस्था बना लेते हैं। उसी में छात्र भी बैठते हैं, लेकिन वह भी अब जर्जर होने लगे हैं। छत से प्लास्टर नीचे गिरता रहता है। बारिश होने पर बच्चों को एक साथ सुरक्षित जगह पर खड़ा करना पड़ता है, पूरा लीकेज पानी से हो जाता हैं।