यह वाक्या रविवार और इसके पहले जिसने भी सुना वह फुटेरा वार्ड 1 में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी (63) से मिलने पहुंचा। कुछ ने उन्हें ऐसा न करने की समझाइश दी तो कुछ उनके मंतव्य को जानने का प्रयास किया, लेकिन वह अडिग थे और इसे भगवान का आशीर्वाद बता रहे थे।
31 मार्च को स्थानीय ताम्रकार मंदिर परिसर में आत्मा निधन के बाद आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम में रखी जयप्रकाश सोनी की तस्वीर में लिखा कि जन्म 1 जुलाई 1961 और मरण 31 मार्च 2024, इसे जो भी देखता उनसे पूछे बिना नहीं रुकता। सोनी भी इस पर बड़े बेबाकी से जवाब देते नजर आते। सोनी लंबे समय से धर्म कथाओं को सुनते आ रहे हैं। सभी का सार है कि एक दिन मरना ही है। इन सब बातों का बोध उन्हें अब हो गया हैं। ऐसे में शारीरिक मृत्यु के पहले आत्मा की मृत्यु हो गई और उसके लिए ही उन्होंने यह आयोजन किया।
घर के मुखिया जयप्रकाश सोनी के इस फैसले के बाद परिवार के लोगों ने भी उनका सपोर्ट किया है। उनके बेटे प्रवीण सोनी, पत्नी व अन्य ने इस आयोजन के लिए करीब 300 कार्ड भी छपवाए थे। जिन्हें सभी रिश्तेदारों और परिचितों के अलावा वार्ड के लोगों को भी बांटे गए। रविवार को कार्यक्रम में भी काफी लोग स्वल्पाहार के लिए पहुंचे। खास बात यह है कि इस दौरान लोग सोनी को अभी और लंबी उम्र तक जीने की कामना करते नजर आए।