दमोह. जबलपुर-दमोह स्टेट हाइवे के हालात इन दिनों खस्ता हाल है। सबसे ज्यादा खराब रोड जलहरी से सिग्रामपुर के बीच का है। यहां हालात ये हैं कि सड़कों पर अब वाहन ही धंसने लगे हैं। गड्ढे इतने बढ़े हो गए हैं कि सड़क नजर ही नहीं आती हैं। खास बात है कि यह वही मार्ग जो 2021 में राष्ट्रपति के आगमन के पहले 48 घंटे में तैयार हो गया था। जिस पर लोगों ने आश्चर्य भी व्यक्त किया था, नतीजा अब सामने है।
दरअसल, 2021 में ही एमपीआरडीसी ने दमोह-जबलपुर रोड का सर्वे कराया था। जिसमें से 62 किलोमीटर रोड पर पूरी पट्टी बिछाने की जरूरत थी, जबकि 40 किलोमीटर मार्ग पर पेंच रिपेयर का काम बताया था। जिस करीब 80 करोड़ का ठेका हुआ था, जिसे जबलपुर के ही किसी ठेकेदार को काम दिया गया था। रिपेयर का काम चल रहा था कि इसी दौरान 2021 सितंबर में तत्कालीन राष्ट्रपति का दमोह के सिग्रामपुर में दौरा हुआ। इस दौरान जबेरा से सिग्रामपुर का रोड खस्ताहाल था।
राष्ट्रपति को इस रोड से बाय कार गुजरना था, ऐसे में रातो-रात करीब 20 किमी रोड पर डामर पट्टी चढ़ा दी गई। साइड सोल्डर के अर्थ को मजबूत किए बिना ही डामर चढ़ा दिया गया। नतीजन, दूसरे साल की रोड खराब शुरू होना शुरू हो गई और अब तो इस रोड से निकलना भी भारी पड़ रहा है।
20-20 फीट तक के गड्ढे इस रोड पर देखने मिल रहे हैं। जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। 2 घंटे के इस मार्ग पर 5 घंटे तक यात्रा करने में लग रहे हैं। जबेरा से गुबरा के बीच रोड के हालात सबसे ज्यादा खराब है। जहां रोजाना बड़े-बड़े ट्रक फंसने, वाहन पलटने जैसी दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। बीते दिनों सिग्रामपुर के पास वाहन फंसने से लंबा जाम भी यहां लग गया था। इसके बाद रिपेयर के नाम पर थोड़ा बहुत काम हुआ था, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रहा है।