दमोह. साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। शहर में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला भी सामने आ चुका है। इसी सिलसिले में पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि इससे लोग साइबर अपराधों के प्रति जागरूक हों।
बुधवार को कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को जागरूक किया। कलेक्ट्रेट काम से आए कुछ किसानों से पत्रिका टीम ने बात की। साथ ही साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों ने साइबर ठगी के संबंध में सवाल भी पूछे। जवाब में बताया कि दूसरे देशों से आने वाले फोन न उठाएं। मोबाइल पर ओटीपी जैसी गोपनीय जानकारी सांझा न करें।
किसान सम्मान निधि के नाम पर भी हो रहे साइबर क्राइम से सतर्क रहने की बात कही। किसानों को पत्रिका के अभियान के बारे में भी बताया गया। मौजूद किसानों ने बताया कि वॉट्सएप पर ङ्क्षलक आती हैं, लेकिन जागरुकता बढऩे से सभी सतर्क हो गए हैं। किसानों का कहना था कि यदि किसी के साथ इस तरह की ठगी हो जाती है तो उसे न्याय मिलने में कितना वक्त लगता है। साइबर ठग पकड़े जाते हैं या नहीं। उन्हें बताया गया कि ऐसे ठगों तक पहुंचने में वक्त लगता है। इससे बचने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
बुधवार को कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को जागरूक किया। कलेक्ट्रेट काम से आए कुछ किसानों से पत्रिका टीम ने बात की। साथ ही साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों ने साइबर ठगी के संबंध में सवाल भी पूछे। जवाब में बताया कि दूसरे देशों से आने वाले फोन न उठाएं। मोबाइल पर ओटीपी जैसी गोपनीय जानकारी सांझा न करें।
किसान सम्मान निधि के नाम पर भी हो रहे साइबर क्राइम से सतर्क रहने की बात कही। किसानों को पत्रिका के अभियान के बारे में भी बताया गया। मौजूद किसानों ने बताया कि वॉट्सएप पर ङ्क्षलक आती हैं, लेकिन जागरुकता बढऩे से सभी सतर्क हो गए हैं। किसानों का कहना था कि यदि किसी के साथ इस तरह की ठगी हो जाती है तो उसे न्याय मिलने में कितना वक्त लगता है। साइबर ठग पकड़े जाते हैं या नहीं। उन्हें बताया गया कि ऐसे ठगों तक पहुंचने में वक्त लगता है। इससे बचने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।