दमोह. डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच ब्लड सेपरेशन यूनिट शुरू होने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। प्रबंधन द्वारा पूरी की गई लाइसेंस की प्रक्रिया खटाई में पड़ गई है। ऑफ लाइन भेजे गए आवेदन सहित ५०० पेज की फाइल शासन ने प्रबंधन को वापस लौटा दी है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने लाइसेंस के लिए ऑफ लाइन आवेदन प्रक्रिया बंद कर दी है। लाइसेंस लेने के लिए ऑन लाइन आवेदन करना होगा।
इधर, ओएनडीएलएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने में ब्लड बैंक प्रबंधन को पसीने छूट रहे हैं। प्रबंधन पोर्टल पर आवेदन करने में जटिलता होने की बात कर रहा है। एक महीने से प्रक्रिया चलने की बात बताई जा रही है। इधर, डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों के भी हाथ पैर फूलने लगे हैं। रोकथाम न हो पाने के कारण डेंगू की बीमारी तेजी से फैल रही है। ब्लड की कमी से जूझ रहा ब्लड बैंक प्लेटलेट््स की जगह मरीजों को होल ब्लड दे रहा है। इससे ब्लड की भी बर्बादी हो रही है।
इसलिए है जरूरी यह यूनिट: ब्लड बैंक से जो होल ब्लड दिया जाता है। उसमें अलग-अलग प्रकार के कम्पोनेंट््स पाए जाते हैं, जो अलग-अलग बीमारी में उपयोग होते हैं। मसलन होल ब्लड में प्लाज्मा होता है, जो झुलसे हुए मरीजों को दिया जाता है। प्लेटलेट््स की जरूरत डेंगू के मरीजों को पड़ती है। इसी तरह सीबीसी कंपानेंट भी होल ब्लड से निकालकर दिया जाता है। कहने का आशय यह है कि यदि यह यूनिट शुरू हो जाती है तो ब्लड से यह कम्पोनेंटस अलग-अलग निकाले जा सकते हैं। इससे ब्लड की बर्बादी भी रुकेगी।
यह बताई जा रही ऑनलाइन में परेशानी
ब्लड बैंक के प्रभारी रह चुके डॉ. अमित प्रकाश जैन के अनुसार ओएनडीएलएस पोर्टल पर एक-एक कर्मचारी का नाम और उसकी दसवीं-बारहवीं के अंक भरना पड़ रहे हैं। इसके बाद सभी कर्मचारियों के पास ओटीपी आती है। एक भी कर्मचारी यहां से वहां हुआ तो फिर से प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। पोर्टल में जटिलता होने के कारण प्रक्रिया आगे भी नहीं बढ़ पा रही है। भोपाल स्तर से भी समाधान नहीं हो रहा है।
ब्लड सेपरेशन यूनिट के लिए ऑफ लाइन आवेदन किया था, लेकिन शासन ने आवेदन निरस्त कर दिया है। ऑन लाइन आवेदन ही लाइसेंस के लिए मान्य किए गए हैं। पोर्टल पर आवेदन करने में थोड़ी परेशानी आ रही है। हालांकि प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही हम आवेदन कर देंगे।
डॉ. प्रशांत सोनी, ब्लड बैंक प्रभारी
इधर, ओएनडीएलएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने में ब्लड बैंक प्रबंधन को पसीने छूट रहे हैं। प्रबंधन पोर्टल पर आवेदन करने में जटिलता होने की बात कर रहा है। एक महीने से प्रक्रिया चलने की बात बताई जा रही है। इधर, डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों के भी हाथ पैर फूलने लगे हैं। रोकथाम न हो पाने के कारण डेंगू की बीमारी तेजी से फैल रही है। ब्लड की कमी से जूझ रहा ब्लड बैंक प्लेटलेट््स की जगह मरीजों को होल ब्लड दे रहा है। इससे ब्लड की भी बर्बादी हो रही है।
इसलिए है जरूरी यह यूनिट: ब्लड बैंक से जो होल ब्लड दिया जाता है। उसमें अलग-अलग प्रकार के कम्पोनेंट््स पाए जाते हैं, जो अलग-अलग बीमारी में उपयोग होते हैं। मसलन होल ब्लड में प्लाज्मा होता है, जो झुलसे हुए मरीजों को दिया जाता है। प्लेटलेट््स की जरूरत डेंगू के मरीजों को पड़ती है। इसी तरह सीबीसी कंपानेंट भी होल ब्लड से निकालकर दिया जाता है। कहने का आशय यह है कि यदि यह यूनिट शुरू हो जाती है तो ब्लड से यह कम्पोनेंटस अलग-अलग निकाले जा सकते हैं। इससे ब्लड की बर्बादी भी रुकेगी।
यह बताई जा रही ऑनलाइन में परेशानी
ब्लड बैंक के प्रभारी रह चुके डॉ. अमित प्रकाश जैन के अनुसार ओएनडीएलएस पोर्टल पर एक-एक कर्मचारी का नाम और उसकी दसवीं-बारहवीं के अंक भरना पड़ रहे हैं। इसके बाद सभी कर्मचारियों के पास ओटीपी आती है। एक भी कर्मचारी यहां से वहां हुआ तो फिर से प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। पोर्टल में जटिलता होने के कारण प्रक्रिया आगे भी नहीं बढ़ पा रही है। भोपाल स्तर से भी समाधान नहीं हो रहा है।
ब्लड सेपरेशन यूनिट के लिए ऑफ लाइन आवेदन किया था, लेकिन शासन ने आवेदन निरस्त कर दिया है। ऑन लाइन आवेदन ही लाइसेंस के लिए मान्य किए गए हैं। पोर्टल पर आवेदन करने में थोड़ी परेशानी आ रही है। हालांकि प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही हम आवेदन कर देंगे।
डॉ. प्रशांत सोनी, ब्लड बैंक प्रभारी