ये है मामला
दरअसल 15 दिन पहले एक आदिवासी युवक जब सरकारी जमीन खोद रहा था तब मिट्टी खुदाई में छोटे आकार के चमकीले गोल पत्थर मिले। जब उसने गांव आकर इनको दिखाया तो ग्रामीणो ने इनको रत्न बताया इसके बाद बंजर पड़ी जमीन पर खुदाई करने वालों की भीड़ लगने लगी है। 20 एकड़ के दायरे में बोरिया गांव और आसपास के लोग परिवार सहित टोलियां बनाकर दिनभर पत्थर निकलने में लगे हैं।
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इन पत्थरों को ग्रामीण से जबलपुर के इृदरीश ने चमकीला पत्थर खरीदा है। उनका कहना है कि पत्थर के बारे में नहीं पता है, देखने में अच्छा था, इसलिए दो हजार में खरीद लिया। वही सागर से यहां पत्थर खरीदने आए गोलू तिवारी ने बताया कि यह पत्थर काफी प्राचीन हैं और मोती के समान हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है।
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हालांकि जमीन की बड़े पैमाने पर खुदाई की सूचना के बाद भी खनिज अमला अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है। एसडीएम अंजली द्विवेदी ने बताया कि खनिज अधिकारी को सूचना भेज दी थी, विभाग ने इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं की है। रिपोर्ट कलेक्टर को भी भेजी है।
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2 फुट गड्ढा खुदते ही निकल रहे रत्न
खुदाई कर रहे लोगों ने बताया कि 2 फुट गड्ढा खोदने पर ही हीरे की चमक वाले गोल पत्थर निकल रहे हैं। ग्रामीणों को यह नहीं पता कि यह पत्थर क्या है, लेकिन दो चार दिन खुदाई के बाद जब खरीददार ही यहां पहुंचने लगे तो गांव के लोगों को एक रोजगार मिल गया। हालांकि ग्रामीण की मानें यह पत्थर बेशकीमती है, जिसका अंतर राष्ट्रीय बाजार अधिक है, इसलिए बाहर से लोग खरीदने पहुंच रहे हैं।
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इससे पहले सागर जिले के बीना में जमीन से कीमती चमकीले पत्थर निकलने की खबर से सैकड़ो की संख्या में लोग खुदाई में जुट गए थे। जिले के ईश्वरपुर और मढख़ेड़ा गांव में जमीन से चमकीले पत्थर निकलने की अफवाह पर लोगों की भीड़ लग गई और एक साथ खुदाई शुरु हो गई थी। फिर जैन तीर्थ क्षेत्र के बीना की भटार पर जमीन से रत्न निकलने की अफवाह से जिले से कई इलाकों से लोग खुदाई करने पहुंचे और खुदाई की थी।