दमोह. कटनी-बीना रेलवे लाइन पर चल रहे तीसरी लाइन के काम के दौरान जगह-जगह अवैध तरीके से मुरम खुदाई का काम चल रहा है। मौजूदा समय में बेलखेड़ी गांव में यह अवैध उत्खनन शासकीय जमीन पर चल रहा है। जिससे रोजाना दिन और रात सैकड़ों डंपर मुरम का उत्खनन किया जा रहा है और इस मुरम को रेलवे ठेकेदार को बेचा जा रहा है। जो इसका उपयोग तीसरी लाइन का बेस बनाने में कर रहे हैं। खास बात यह है कि इसकी शिकायत खनिज अधिकारी से भी पूर्व में हो चुकी है, लेकिन यहां कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है।
मामले की शिकायत आने के बाद पत्रिका ने भी बेलखेड़ी पहुंचकर मौका की स्थिति तो पूरा मामला सामने आया। यहां पिपरिया छक्का की ओर जाने वाले रास्ते को अवैध उत्खनन करने वालों ने बंद कर रखा है। वहीं रेलवे लाइन के दूसरी ओर शासकीय जमीन पर जब जाकर देखा गया तो यहां दिन के समय भी अवैध तरीके से मुरम का उत्खनन जारी था। दो डंपर और एक पोकलीन मशीन मुरम की खुदाई में लगे हुए थे। जैसे ही ेइन्होंने पत्रिका को देखा काम बंद कर दिया। यहां मौजूद रामजी पटेल, राघवेंद्र पटेल ने खुद का काम चलना बताया। साथ ही किसी तरह की परमीशन नहीं होने की बात कही।
सरकारी जमीन पर किसान को नहीं जोतने दी फसल, कर रहे उत्खनन
जिस जगह पर मुरम का अवैध उत्खनन चल रहा था, वह शासकीय रेकॉर्ड में कृषि भूमि दर्ज है। पथरिया तहसील के बेलखेड़ी हल्का में खराब नंबर ३३६ पर दर्ज इस भूमि पर बीते १५ दिनों से अधिक समय से अवैध मुरम उत्खनन का काम होना बताया गया। यहां के लोगों ने बताया कि पहले रात में यह काम होता था, अब दिन-रात चल रहा है। कोई यहां विरोध नहीं कर सकता, नहीं तो धमकियां दी जाती हैं। जिस सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से खुदाई चल रही है, वहां एक किसान फसल जोतकर अपना गुजारा चलाता था, लेकिन उसे जुताई करने से रोक दिया गया। वहीं कुछ हिस्सा जहां फसल थी, वहां भी खुदाई कर दी गई।
जिस जगह पर मुरम का अवैध उत्खनन चल रहा था, वह शासकीय रेकॉर्ड में कृषि भूमि दर्ज है। पथरिया तहसील के बेलखेड़ी हल्का में खराब नंबर ३३६ पर दर्ज इस भूमि पर बीते १५ दिनों से अधिक समय से अवैध मुरम उत्खनन का काम होना बताया गया। यहां के लोगों ने बताया कि पहले रात में यह काम होता था, अब दिन-रात चल रहा है। कोई यहां विरोध नहीं कर सकता, नहीं तो धमकियां दी जाती हैं। जिस सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से खुदाई चल रही है, वहां एक किसान फसल जोतकर अपना गुजारा चलाता था, लेकिन उसे जुताई करने से रोक दिया गया। वहीं कुछ हिस्सा जहां फसल थी, वहां भी खुदाई कर दी गई।
रेलवे ठेकदार को बेच रहे मुरम
बताया जा रहा है कि तीसरी लाइन का काम लिए ठेकेदार ने अलग-अलग लोगों को पेटी पर ठेका दे रखा है। पेटी ठेका पुणे की एक कंपनी के पास है। तीसरी लाइन की लेवलिंग के लिए उसे ५ हजार डंपर से अधिक मुरम की जरूरत है। ऐसे में ठेका कंपनी को खनिज से इसके लिए परमीशन लेना चाहिए, लेकिन यह जरूरी न समझते हुए कंपनी ने स्थानीय लोगों से अवैध तरीके से मुरम का उत्खनन का काम कराया जा रहा है। वहीं २००० रुपए प्रति डंपर तक मुरम को खरीदा जा रहा है। इससे शासन को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है।
वर्शन
बेलखेड़ी में रेलवे लाइन के पास शासकीय जमीन पर अवैध मुरम उत्खनन की शिकायत मेरे पास आई थी। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र लिखा गया है।
मेजर सिंह जामरा, खनिज अधिकारी दमोह
बताया जा रहा है कि तीसरी लाइन का काम लिए ठेकेदार ने अलग-अलग लोगों को पेटी पर ठेका दे रखा है। पेटी ठेका पुणे की एक कंपनी के पास है। तीसरी लाइन की लेवलिंग के लिए उसे ५ हजार डंपर से अधिक मुरम की जरूरत है। ऐसे में ठेका कंपनी को खनिज से इसके लिए परमीशन लेना चाहिए, लेकिन यह जरूरी न समझते हुए कंपनी ने स्थानीय लोगों से अवैध तरीके से मुरम का उत्खनन का काम कराया जा रहा है। वहीं २००० रुपए प्रति डंपर तक मुरम को खरीदा जा रहा है। इससे शासन को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है।
वर्शन
बेलखेड़ी में रेलवे लाइन के पास शासकीय जमीन पर अवैध मुरम उत्खनन की शिकायत मेरे पास आई थी। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र लिखा गया है।
मेजर सिंह जामरा, खनिज अधिकारी दमोह