मंगलवार रात केस दर्ज करने के बाद बुधवार तड़के जब पुलिस की टीम डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो हैरान रह गई। घर का दरवाजा तोड़ पुलिस अंदर घुसी तो डॉ. लाल गायब था।
सामान जब्त कर पुलिस ने डॉक्टर के बेटा-बेटी पत्नी और दामाद को रोका
परिजनों की मौजूदगी में लैपटॉप, सीसीटीवी का डीवीआर जब्त किया। दमोह से जबलपुर निकले डॉक्टर के अमरीकी नागरिक बेटे अभिजीत, बेटी अभिनीता, दामाद और पत्नी इंदू लाल को भी पुलिस ने रोक लिया।सीएसपी से अभिनीता की बहस
सीएसपी से अभिनीता की बहस हुई और अमरीका से एक पत्रकार ने सीएसपी से फोन पर बात की। पुलिस ने डॉक्टर के बारे में पूछा तो बेटी ने कहा, आपने पहरेदारी में उन्हें रखा था। आप बताओ वे कहां हैं। यहां का माहौल खराब है, अमरीका जाएंगे। पुलिस ने रातभर परिवार को आधारशिला परिसर में रोके रखा और सुबह नोटिस पर दस्तखत कराने के बाद छोड़ा। इस बीच हाईकोर्ट ने डॉ. लाल की गिरफ्तारी पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है।
धर्मांतरण का भी मामला (conversion case)
डॉ. अजय लाल की संस्था को लोगों की स्वास्थ्य सेवा के लिए विदेशों से भी फंडिंग मिलती है। डॉक्टर पर फंडिंग के जरिए धर्मांतरण का भी आरोप है। हाल ही में उसके बेटे अभिजीत लाल और करीबी संजीव लैंबर्ट पर मिशन अस्पताल के तीन कर्मचारियों ने जबरन धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था।इसलिए किया था नजरबंद
बाल आयोग ने 18 साल पहले पोस्ट अडॉप्ट किए दो बच्चों को लेकर मानव तस्करी की आशंका जताई थी। कलेक्टर के निर्देश पर जांच हुई। महिला बाल विकासअधिकारी, एसडीएम, पुलिस अफसरों ने पूछताछ के लिए डॉ. अजय लाल को उसके घर में हिरासत में लिया। बंगले के चारों ओर पुलिस थी, फिर भी डॉक्टर गायब हो गया।बाल आयोग ने उठाया था मामला
मारुताल में डॉ. अजय लाल की आधारशिला संस्था के जरिए बाल भवन चल रहा था। इसमें अनाथ बच्चे रहते थे। एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह पुलिस को पत्र जारी किया था। इसमें 18 साल पहले बाल भवन से अडॉप्ट किए गए दो बच्चों को लेकर मानव तस्करी की आशंका जताई थी। इसके बाद बाल भवन को बंद कर दिया गया। पुलिस ने जांच की और संतोषजनक तथ्य न मिलने पर केस दर्ज कर लिया।
अडॉप्शन के नहीं दिए दस्तावेज
आधारशिला संस्थान के बाल भवन का संचालन करने वाली कमेटी के सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है। एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि एनसीपीसीआर ने दो बच्चों के अडॉप्शन पर नोटिस दिया था। डॉ. अजय लाल से बच्चों को बाल भवन में लाने, अडॉप्शन और पोस्ट अडॉप्शन संबंधी दस्तावेज मांगे थे। डॉक्टर ने एक भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया। इसके बाद मंगलवार 6 अगस्त आधी रात को केस दर्ज किया गया।