MP News: 150 साल पुराने बरगद के पेड़ से बरसती है बागेश्वर धाम सरकार की कृपा, ये है 20 परिवारों को पालने वाला पेड़
MP News: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में 150 साल पुराना बरगद का पेड़, इस पेड़ की छाया में बागेश्वर धाम आने वाले लोगों को मिलता है सुकून, कहलाता है 20 परिवारों का पेट भरने वाला पेड़
MP News: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में 150 साल पुराना बरगद का पेड़ 20 परिवारों की आय का जरिया बना हुआ है, लोगों का कहना है कि जो इस पेड़ की छांव से गुजरता है, उसके घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती। यही कारण है कि बागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालु इस पेड़ के नीचे से गुजरते ही नहीं है, बल्कि यहां रुककर आराम भी करते हैं। बरगद के पेड़ के चमत्कार कर देंगे हैरान
मध्य प्रदेश के दमोह जिले की हटा तहसील के हारट गांव में है 150 साल पुराना बरगद का पेड़। इस पेड़ के नीचे रहते हैं 20 परिवार। उनका कहना है कि इस पेड़ पर बागेशवर बाबा का आशीर्वाद है, यही कारण है कि इसके नीचे रहकर वे कभी भूखे नहीं रहे। इस पेड़ की छांव में रहकर ही वह अपनी आजीविका चला रहे हैं। इसकी डालियां 40 फीट तक पूरी सड़क को ढंके हुए हैं। इससे छतरपुर मार्ग से आने वाले सैकड़ों लोग इसी पेड़ की छांव में रुकते हैं। अपने परिवार के साथ आराम करते हैं। यहां लगी फलों की दुकानों से खाने-पीने समेत अपनी जरूरत का सामान खरीदते हैं।
40 फीट दूर तक फैली शाखाएं
दमोह जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर हटा के आगे सुनार नदी पर बने हारट पुल के पास लगा है ये बरगद का पेड़।
इसकी 40 फीट दूर तक फैली शाखाएं इस पुल के आधे हिस्से को ढंके हुए हैं।
इतनी भीषण गर्मी में इस पेड़ के नीचे 20 दुकानें लगी हैं।
यहां से निकलने वाले राहगीरों को इस पेड़ की शीतल छाया यहां रुकने को मजबूर कर देती है।
लोग यहां रुककर खरीदारी भी करते हैं।
इससे 20 से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह पेड़ 150 साल पुराना है।
छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम जाने और आने के लिए इसी मार्ग से होकर लोग गुजरते हैं।
इसीलिए लोगों के लिए ये पेड़ ही एक तरह का स्टॉपेज बना हुआ है।
शाम को यहां का नजारा देखते ही बनता है।
बरगद के पेड़ के चमत्कार कर देंगे हैरान
Banyan Tree
हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का विशेष महत्व दिया गया है।
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष कहलाने वाला बरगद का पेड़ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
इस पेड़ के पत्ते, फल और छाल कई शारीरिक बीमारियों में राहत देते हैं।
पीजी कॉलेज दमोह में बॉटनी विभाग की प्राध्यापक डॉ. एनआर सुमन बताती हैं, इस पेड़ की पत्तियां एक घंटे में पांच मिली लीटर ऑक्सीजन देती हैं।
ये पेड़ दिन में 20 घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन देता है।
इसके पत्तों से निकलने वाले दूध को चोट, मोच और सूजन पर दिन में दो से तीन बार लगाने से काफी आराम मिलता है।
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