दमोह

मजदूर का बेटा दिहाड़ी के पैसे बचाकर बना रहा रोबोट, देश सेवा का है जज्बा

mp news: मजदूर माता-पिता का बेटा 17 साल की उम्र में बना रहा रोबोट, वैज्ञानिक बनकर टेक्नालॉजी में लाना चाहता है बदलाव…।

दमोहNov 16, 2024 / 09:38 pm

Shailendra Sharma

दीपक पटेल
mp news: गरीबी कभी आपको अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोक सकती बस जरूरत है अपने सपने पर पूरी तरह से फोकस करने की..ये कहना है 17 साल के उस युवक का जिसे लोग मिस्टर वैज्ञानिक कहकर पुकारते हैं। हम बात करते हैं मध्यप्रदेश के दमोह जिले के घूरखेड़ा गांव के रहने वाले चंद्रपाल पटेल की। चंद्रपाल पटेल सरकारी स्कूल में 11वीं क्लास के स्टूडेंट हैं और इन दिनों एक ऐसा रोबोट बनाने में लगे हुए हैं जो कि देश की सीमा पर सेना के जवानों की जगह ले, जिससे जनहानि कम हो।

दिहाड़ी के पैसे बचाकर बना रहा रोबोट

दमोह जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी. दूर बसे घूरखेड़ा गांव के रहने वाले चंद्रपाल पटेल के माता-पिता मजदूर हैं जो दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करते हैं। उनकी दिहाड़ी में से ही बचत करके चंद्रपाल इन दिनों एक रोबोट बनाने में जुटे हुए हैं। अब तक रोबोट के फाइबर स्ट्रक्चर के अलावा कुछ पॉर्ट तैयार हो चुके हैं। रोबोट के हाथ चलने लगे हैं, गर्दन भी झुकने लगी है और बोलने के लिए मुंह चलने लगा है। चंद्रपाल का कहना है कि ये महज प्राइमरी काम है अभी 80 प्रतिशत काम होना बाकी है जिसके लिए सेंसर, मोटर, हल्की बैटरी, प्रोग्रामिंग सहित अन्य उपकरणों की जरूरत होगी जिस पर 7-8 लाख तक का खर्च आएगा लेकिन उनके पास फिलहाल पैसों की व्यवस्था नहीं है जैसे जैसे पैसा आएगा काम को आगे बढ़ाते जाएंगे।
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सेना के लिए बनाना चाहते हैं रोबोट

चंद्रपाल ने बताया कि वो इस रोबोट को बनाने के बाद पहला ऑफर सरकार को देना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि सरकार इस रोबोट को खरीदे और बॉर्डर पर इसकी ड्यूटी लगाए यही उसका सपना है। क्योंकि वो बॉर्डर पर जवानों को शहीद होते नहीं देख सकता है। चंद्रपाल ने बताया कि वो वैज्ञानिक बनकर टेक्नालॉजी में बदलाव लाना चाहते हैं।
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मिस्टर वैज्ञानिक बुलाते हैं लोग

चंद्रपाल इससे पहले भी कई चीजें बना चुके हैं, उन्होंने 13 साल की उम्र में वॉशिंग मशीन बनाई थी। वो एक रोबोट मॉडल भी बना चुके हैं जिसमें मानव फीचर नहीं थे। इतना ही नहीं पेड़ पौधों को लगाने के लिए ऑटोमैटिक मशीन और डीजल-पेट्रोल व चार्जिंग के बिना चलने वाली बस का मॉडल भी चंद्रपाल ने बनाया था यह बस चलते-चलते व रोड के गड्ढ़ों से चार्ज होगी और बैकअप बनाकर चलेगी। कम उम्र में ही चंद्रपाल का अविष्कारों के प्रति जुनून देखकर गांव के लोग उन्हें मिस्टर वैज्ञानिक कहकर पुकारने लगे हैं।
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