राजनीति में न दोस्त दोस्त रहता है और न ही भाई भाई। अब दमोह लोकसभा सीट का उदाहरण ही ले लीजिए। भाजपा ने पूर्व विधायक राहुल लोधी को इस सीट से उम्मीदवारी सौंपी है तो वहीं कांग्रेस ने तरवर सिंह लोधी को। खास बात ये है कि चुनावी मैदान में एक दूसरे के प्रतिद्वंदी सामान्य जीवन में बहुत अच्छे दोस्त हैं। दोनों साथ में एक ही पार्टी से विधायक भी रहे हैं। अब हालात अलग हो गए हैं और अब दोनों लोकसभा चुनाव के मुकाबले में आमने सामने आ गए। ये भी देखा गया कि मंच के पीछे एक दूसरे से दोस्ताना व्यव्हार रखने वाले राहुल और तरवर मंच पर एक दूसरे पर कड़े हमले करते दिखाई दिये। फिलहाल, इस सीट पर भाजपा के बेनर से मैदान में उतरे राहुल लोधी को जीत हासिल हुई है।
2018 के विधानसभा चुनाव में एक साथ विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। 2020 के बाद यह दोस्ती दो विरोधी दलों में बंट गई। कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने पर राहुल ने भाजपा का दामन थाम लिया था। मंत्री भी बने थे। यह बात अलग है कि उपचुनाव हार गए। तब पार्टी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। दूसरी ओर, तरवर सिंह कांग्रेस में बने रहे और पांच साल विधायक रहे। पांच साल बंडा से विधायक रहे। दोनों लोधी हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बुंदेलखंड की दमोह लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला देखा गया। बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी कभी कांग्रेस में थे, पाला बदलकर वो भाजपा में शामिल हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस चुनाव में तरबर सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया, लेकिन प्रदेश में चली भाजपा की आंधी में तरवर सिंह सीट बचाने में सफल नहीं हो सके।
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बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी जीते
भाजपा के टिकट पर दमोह सीट से जनता द्वारा सांसद निर्वाचित हुए राहुल लोधी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर साल 2018 में अपना पहला विधानसभा चुनाव दमोह सीट से लड़ा था और इसी बार में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता, 7 बार के विधायक और तत्कालीन वित्तमंत्री जयंत मलैया के साथ मुकाबला किया था। यही नहीं, राहुल ने मलैया को 798 वोटों के कम अंतर से ही सही पर हराकर एकाएक कई दिग्गज नेताओं से आगे निकल गए थे। लेकिन कुछ महिनों बाद ही उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब दमोह सीट से निर्वाचित होकर एक बार फिर उन्होंने अपनी साख बना ली है। यह भी पढ़ें- Indore Lok Sabha Seat Result 2024 : इंदौर में बना दोहरा रिकॉर्ड, भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की रिकॉर्ड जीत, NOTA ने भी रचा इतिहास
कांग्रेस उम्मीदवार तरवर सिंह लोधी हारे
दमोह सीट से चुनाव जीतने वाले राहुल लोधी के निकतम प्रतिद्वंदी रहे तरवर सिंह को कमलनाथ का करीबी माना जाता है। इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तरवर सिंह लोधी बंडा से विधायक बने थे। उन्होंने बीजेपी के हरवंश राठौर को 25 हजार वोटों से हराया था। हालांकि, साल 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी तरवर सिंह को भाजपा के वीरेंद्र लोधी ने 35 हजार वोटों से हरा दिया। वहीं, इस बार के लोकभा चुनाव में उन्हें 3 लाख 03 हजार 342 वोट हासिल हुए हैं। बात करें तरवर सिंह लोधी का राजनीतिक सफर की तो उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सरपंच पद से की थी। सागर जिले के बंडा ब्लॉक के ग्राम पड़वार में 9 फरवरी 1980 को जन्में तरबर सिंह लोधी साल 2015 में जिला पंचायत सदस्य बने। उन्हें 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट मिला और पहली बार में ही विधायक बन गए। 43 वर्षीय तरबर सिंह 12वीं पास हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा उनके दो बेटे हैं। उनके पिता निरंजन सिंह एक कृषक हैं।