बाजार में तमताए हरी सब्जियों के दाम, कुछ सब्जियां तो बाजार से गायब हुईं
पूर्व दिनों की अपेक्षा इन दिनों ग्रामीण इलाके से दस फीसदी भी हरी सब्जी नहीं आ रही सब्जी मार्केट में बिकने
बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे
दमोह. बारिश का असर जिले के ग्रामीण इलाकों से शहर की सब्जी मंडी बिकने आने वालीं सब्जियों पर पड़ा है और इसके चलते सब्जियों की आवक दस फीसदी भी नहीं है। शहर की दुकानों पर बिकने वालीं अधिकांश सब्जियां दूसरे जिलों से आ रहीं हैं। बताया गया है कि अधिक बारिश होने की वजह से सब्जियों की पैदावार प्रभावित हुई है। इधर स्थानीय सब्जियों की कम हुई आवक की वजह से बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। रोजना के भोजन में उपयोग होने वाला आलू, भटा, टमाटर भी इन दिनों तेज दामों पर बिक रहा है। शहर के सब्जी मार्केट में सब्जी के दामों की पतासाजी की गई तो सामने आया है कि अच्छी किस्म का भटा ३० रुपए से ३५ रुपए किलो बिक रहा है। वहीं टमाटर ५० से ५५ रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। इसके अलावा हरी सब्जियों में शामिल परमल, तुरइया, भिंडी भी तेज दामों पर बिक रही है। बाजार में चल रहे सब्जी के दामों के अनुसार करेला ४० से ५० रुपए, परमल ४० से ५०, भिंडी २५ रुपए किलो, बरबटी ४० से ४५ रुपए किलो, गिलकी ४० रुपए किलो बिक रही है।
सब्जी के बढ़े दामों व बारिश की अधिकता के परिणामस्वरुप बाजार में कुछ सब्जियां पूरी तरह गायब हैं। इनमें शिमला मिर्च, गोबी, पालक डूढऩे पर भी नहीं मिल रही है। दुकानदार कमलेश पटेल, हरीकिशन पटेल, अरविंद खटीक ने बताया है कि पालक लोगों की पहली पसंद में मानी जाती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से पालक मंडी में नहीं पहुंच रही है। दुकानदारों का कहना है कि पालक, शिमला मिर्च व गोबी मंडी में नहीं पहुंचने की प्रमुख वजह लगातार हुई बारिश है।
हरी सब्जियों के अलावा सब्जियों में शामिल मसाला सब्जी की बात की जाए तो लहसुन फुटकर रेट में २०० रुपए किलो बिक रहा है। इसी तरह अदरक का भी यही दाम है। धनापत्ती १५० रुपए किलो तक बिक रही है।
इस कारण दामों आई बढ़ोत्तरी
इन दिनों जो सब्जियां दमोह मंडी पहुुंच रहीं हैं यह भोपाल, जबलपुर, इंदौर से आ रही है। दूर दराज से सब्जी आने की वजह से दामों में अचानक तेजी आई है। दुकानदारों ने बताया है कि कुछ सब्जियां बारिश की वजह से कोल्ड स्टोर से आ रहीं हैं। दुकानदारों के मुताबिक जिले के पथरिया तहसील, पटेरा तहसील व दमोह तहसील क्षेत्र से इन दिनों सब्जियों की आवाक न के बराबर है। ग्रामीण इलाकों से सब्जी की आवक होने से दामों में अधिक उछाल नहीं आता है। लेकिन बारिश की वजह से जिले में सब्जी की पैदावार प्रभावित है।
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