ठगी का अंदेशा होने पर उसने परिजनों को धोखाधड़ी की जानकारी दी। इसके बाद परिजन तुरंत एसपी के पास पहुंचे, जहां उन्होंने ठगी के संबंध में आवेदन दिया। एसपी श्रृतकीर्ति सोमवंशी ने साइबर सेल की टीम को धोखाधड़ी के मामले में छानबीन के निर्देश दिए।
छह लाख रुपए हुए रिकवर
युवती द्वारा इन्वेस्ट किए गए 42 लाख रुपए में से छह लाख रुपए ही रिकवर हो पाए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवती के पिता ने एक मकान बेचा था। उसी राशि को युवती ने फर्जी ग्रुप के माध्यम से शेयर में लगा दिया।यूपी से है ठगों का कनेक्शन
ठगी के आरोपियों के यूपी से जुड़े तार साइबर जांच में सामने आया है कि फर्जी ग्रुप चलाने वाले ठग यूपी के हैं। साइबर सेल की मदद से आरोपियों तक पुलिस पहुंचने का प्रयास कर रही है। वहीं, ट्रांजेक्शन किस खाते में हुआ है। उसके बारे में पड़ताल जारी है। खाते की डिटेल के आधार पर आरोपी यूपी के बताए जा रहे हैं।6 लाख की रिकवरी हुई
परिजनों ने 42 लाख रुपए की ठगी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। छह लाख रुपए रिकवर हो गए हैं।
– श्रृतकीर्ति सोमवंशी, एसपी दमोह
ठग ने एपीके डाउनलोड करवाकर उड़ाए 9.30 लाख
उधर इंदौर में सीनियर सिटीजन को गूगल से कस्टमर केयर का नंबर निकालना भारी पड़ गया। ठग ने बातों में उलझाकर मोबाइल में एपीके डाउनलोड करवा दिया। बाद में पता चला कि खाते से दो किस्तों में 9.30 ट्रांसफर हो गए। राऊ- पीथमुपर रोड निवासी पीडि़त की शिकायत पर गुरुवार को क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया है। पीड़ित ने बताया कि वे बैंक में एफडी कराना चाहते थे। 26 अक्टूबर 2024 को गूगल पर एसबीआइ कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर कॉल किया, उसने एपीके डाउनलोड करवा दिया। पता चला कि एपीके से पीडि़त के मोबाइल को रिमोट एक्सेस कर ठगी की है। जिन खातों में पैसा गया है उसे फ्रीज करवाकर राशि रिकवर का प्रयास कर रहे हैं।