जिले में एक मात्र सिंगौरगढ़ अभ्यारण्य ही एक मात्र स्थान है, जहां पर स्वछंद विचरण करते वन्य जीव, झरने, सुदूर फैली हरियाली, ऐतिहासिक धरोहर, रहस्यमय जलाशय, अंतहीन सुरंग टापू मौजूद है। ऐसे मनोरम पर्यटक स्थल पर अभी से रेस्ट हाऊस-गेस्ट हाउस के साथ स्थल आरक्षित हो चुके हैं।
दमोह-जबलपुर हाईवे से पांच किमी की दूरी पर भैंसा घाटी, निदान जल प्रपात, नजारा व्यू, चौरई के पास बावन बजारिया, आलौनी शिव मंदिर, साथ ही 44 किमी लंबी प्राचीन दीवार निकली हुई है। दोनी, अलौनी शिव मंदिर के जीर्ण-शीर्ण सात मंदिरों के खंडहर अपनी पुरासंपदा की ऐतिहासिकता का प्रमाण दे रहे हैं।
रानी दुर्गावती अभ्यारण्य सिगौरगढ़ के पर्यटन में शुमार नजारा पॉइंट, निदान कुंड, रानी दुर्गावती किला सिंगौरगढ़, जलाशय, किले का हाथी दरवाजा, रानी महल की मजबूत दीवालें यहां के सौंदर्य को चार चांद लगाती हैं। निदान वाटरफाल में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार से भी संख्या बढ़ रही है। दुर्गम रास्तों को सुगम व सुरक्षित बनाया जा रहा है।
पहाडिय़ों के किनारे-किनारे सुरक्षा की दृष्टि से हार्ड स्केपिंग रैलिंग के साथ-साथ पर्यटकों की थकान दूर करने के लिए आरामदेह कुर्सियां, पेगौड़ा, छतरी के साथ कैंटीन जैसी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। सिगौरगढ़ गेम सहायक परिक्षेत्र अधिकारी वीएस राजपूत ने बताया कि सिगौरगढ़ अभ्यारण्य में आने वाले पर्यटकों को गाइड की सुविधा के साथ रेस्ट हाउस सुविधा व कैटीन सुविधा भी है। जिससे प्र्यटकों की सुविधा के विस्तार होने यहां पर नए वर्ष में देशी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है। यह सिलसिला 15 जनवरी तक चलता रहेगा।
सिंगौरगढ़ रेंज के अंतर्गत शुक्रवार को अनुभूति कार्यक्रम के तहत माला बम्हौरी पौड़ी के स्कूली बच्चों को वन भ्रमण कराया गया। साथ ही उन्हें वनों के महत्व, वन संरक्षण, जैव विविधता, पक्षी, वन्य जीव, वनोषधि प्रबंधन की जानकारी दी।