दरअसल, दमोह जिले के हिडोरिया थाने के नदी किनारे स्थित घाटपिपरिया गांव में ये मगरमच्छ घुसा था। गांव में घुसे मगरमच्छ की खर-खर आहट के बाद एक ग्रामीण की नींद खुली थी। उसने आवाज सुनकर जब बाहर देखा तो मगरमच्छ के ऊपर नजर पड़ी। उसके बाद वह डरकर तुरंत मोबाइल से ग्रामीणों को इसकी सूचना दी।
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गांव में विशालकाय मगरमच्छ को देखकर गांव के लोगों ने तुरंत वन विभाग की टीम को फोन किया। रात्रि दो बजे वन विभाग और पुलिस की टीम गांव में पहुंच गई। उसके बाद चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा गया। फिर वन विभाग की टीम ने इसे एक गाड़ी में लाद नदी में छोड़ दिया।
गांव में विशालकाय मगरमच्छ को देखकर गांव के लोगों ने तुरंत वन विभाग की टीम को फोन किया। रात्रि दो बजे वन विभाग और पुलिस की टीम गांव में पहुंच गई। उसके बाद चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा गया। फिर वन विभाग की टीम ने इसे एक गाड़ी में लाद नदी में छोड़ दिया।
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वन विभाग की टीम मगरमच्छ के गले में रस्सा बांधकर उसे खींच रहे थे। वहीं, इस अभियान को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ वहां मौजूद थी। हालांकि बीच-बीच में मगरमच्छ का हमलावर रुख भी नजर आ रहा था। लेकिन रेस्क्यू करने आई टीम इस बात का भी ख्याल रख रही थी मगरमच्छ को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। उसके बाद मगरमच्छ को रस्सा से ही बांध कर गाड़ी पर रखा गया।
वन विभाग की टीम मगरमच्छ के गले में रस्सा बांधकर उसे खींच रहे थे। वहीं, इस अभियान को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ वहां मौजूद थी। हालांकि बीच-बीच में मगरमच्छ का हमलावर रुख भी नजर आ रहा था। लेकिन रेस्क्यू करने आई टीम इस बात का भी ख्याल रख रही थी मगरमच्छ को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। उसके बाद मगरमच्छ को रस्सा से ही बांध कर गाड़ी पर रखा गया।