अपने दमोह दौरे के वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि भाजपा में उम्मीदवार को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। पूरी पार्टी एकजुटता से चुनाव लड़ रही है। चौहान ने कहा कि दमोह की जनता ने हमेशा चाहा है। पहले जयंत मलैया ने दमोह का विकास किया और आगे भी दमोह के लोगों को विकास की चाह है। इसलिए खुद राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था और अब चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा दमोह में भारी मतों से चुनाव जीतेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री का एक ट्वीट भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि दमोह में मेडिकल कॉलेज के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा थी कांग्रेस और कमलनाथजी। राहुल लोधी ने कहा कि उन्हें दमोह का विकास चाहिए और मेडिकल कालेज चाहिए भाजपा विकास के लिए समर्पित है। राहुलजी ने दमोह के विकास के लिए अपना करियर दांव पर लगाया और वे सब छोड़कर हमारे साथ आए।
मलैया के घर भी गए सीएम
लोधी का नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता जयंत मलैया के घर भी गए। मलैया 6 बार दमोह से विधायक रहे और राहुल लोधी से ही चुनाव हारे थे। इस बार राहुल लोधी को टिकट देने के बाद से जयंत मलैया नाराज चल रहे थे। जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा होने लगी थी। इसी के बाद से उन्हें मनाने का दौर चल रहा है। मलैया परिवार अब तक भाजपा के चुनाव प्रचार से दूर है।
अंतिम तारीख को भरा नामांकन
इससे पहले दमोह विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों को नामांकन भरने का मंगलवार को अंतिम दिन था। 23 मार्च से नामांकन प्रक्रिया चल रही थी। तीन अप्रैल तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। दमोह उपचुनाव का रिजल्ट 2 मई को आ जाएगा।