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दमोह में फिटनेस के बिना की दौड़ रहे ऑटो, 3 हजार है संंख्या

ऐसी है ऑटो की फिटनेस: कहीं पलट रहे तो कहीं चके निकलकर फिक रहे बाहर – परिवहन विभाग ने लगाया औपचारिक शिविर, ऑटो चालकों ने नहीं दिखाई रुचि – कार्रवाई हो तो, शहर में 1 हजार से अधिक ऑटो निकलेंगे अनफिट

दमोहJul 11, 2024 / 11:58 am

Samved Jain

Auto riksha in damoh

Auto riksha in damoh

दमोह. शहर में ऑटो की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जो अब लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहे हैं। जिसका एकमात्र कारण ऑटो की फिटनेस नहीं होना है। आए दिन ऑटो पलटने, पहिया टूटने सहित अन्य गंभीर समस्याएं चलते ऑटो में सामने आ रही हैं, जिसका खामियाजा भी आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा हैं, बावजूद इसके कोई खास प्रयास इसे रोकने अब तक परिवहन विभाग नहीं कर सका है।
शहर में 3 हजार के करीब ऑटो रजिस्टर्ड है, जबकि 500 से अधिक ऑटो बिना रजिस्ट्रेशन के भी दौड़ रहे हैं। ऑटो चालकों द्वारा न तो बीमा कराया जाता है और न ही फिटनेस कराया जाता है। जबकि रोड पर चलने वाली टैक्सी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है। बता दें कि ये ऑटो शहर ही नहीं, 50-50 किमी तक कर रन ले रहे हैं और गांवों तक आने-जाने का मुख्य साधन इन दिनों बने हुए हैं।

सड़क सुरक्षा समिति में कलेक्टर ने दिए थे

निर्देश कलेक्टर के पास ऑटो रिक्शा संचालन को लेकर आ रही मनमानी की शिकायतें लगातार हेल्पलाइन पर पहुंच रही हैं। इसे लेकर कलेक्टर ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस मसले को उठाया था। साथ ही इसकी गंभीरता से परिवहन विभाग को अवगत कराया। साथ ही शहर में संचालित सभी ऑटो का फिटनेस कराने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए थे।

औपचारिक रहा परिवहन विभाग का फिटनेस कैंप

परिवहन विभाग ने बीती 8 जुलाई को ही यातायात थाना परिसर में ऑटो का फिटनेस कैंप लगाया गया था। जो की पूरी तरह औपचारिक ही रहा है। यहा महज 8 ऑटो ही फिटनेस कराने पहुंचे थे, जो भी नए थे। इसके अलावा ऑटो चालकों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा। जिसका एक और कारण था, जानकारी का अभाव होना। दरअसल, परिवहन विभाग ने ऑटो के फिटनेस संबंधी कैंप लगाने को लेकर किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कराया गया। ऐसे में 8 जुलाई को ऑटो चालक शिविर में पहुंचे ही नहीं। इसके बाद कितने ऑटो के फिटनेस हुए, वह भी जानकारी परिवहन विभाग ने जारी नहीं की।

स्कूली बच्चों, यात्रियों के लिए खतरनाक है ये अनदेखी

ऑटो की यात्री क्षमता आमतौर पर 3+1 की होती है। इसके अलावा इसकी लोडिंग क्षमता भी इसी आधार पर है, लेकिन आम तौर पर ऑटो रिक्शा शहर में स्कूल बच्चों को लाने ले जाने के अलावा गांव-गांव तक सवारियां ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा लोडिंग-अनलोडिंग का काम भी ऑटो से हो रहा हैं। कई ऑटो रिक्शा कबाड़ की स्थिति में जा चुके हैं, इसके बाद भी वह सड़क पर संचालित हो रहे हैं। साथ ही ओवरलोड भी चल रहे हैं, जो स्कूली बच्चों, यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
वर्शन

परिवहन विभाग द्वारा ऑटो की फिटनेस के लिए कैंप लगाया गया था। जिसमें कुछ ही ऑटो चालक आ सके। अब इसके लिए फिर से प्रयास करेंगे।

क्षितिज सोनी, परिवहन अधिकारी दमोह

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