बताया जा रहा है कि, खेत से मिलने वाले सिक्के तांबा, पीतल और अन्य ठोस धातुओं से बने हैं, जिसपर उर्दू के साथ साथ अन्य भाषाएं और लिपी लिखी हुई है। वहीं, सिक्कों को देख जानकारों का कहना है कि, अनुमान लगाया जा सकता है कि, ये सिक्के मुगलकालीन या मध्यकालीन समय के हो सकते हैं।
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सिक्के खोजने पहुंची लोगों की भीड़
दरअसल, मड़ियादो से मादो चंदेना सड़क निर्माण का काम चल रहा है। इसके लिए मार्ग निर्मित करने के लिए खुदाई का काम चल रहा था। इसी दौरान ग्राम पंचायत मादो के पूर्व सरपंच सुदामा सिंह लोधी के खेत की जमीन पर भी मिट्टी की खुदाई की गई, जिसमें से अचानक सिक्के निकलने शुरू हो गए। खेत से सिक्के निकलने की सूचना आसापास के इलाकों में आग तरह फैल गई। इसके बाद से लगातार यहां लोग खैर माता माई के पास खेत में सिक्कों की कोज करने पहुंच रहे हैं।
सिक्कों के साथ साथ अन्य सामग्री भी निकल रही
प्राचीन सिक्कों की खोज में जुटे ग्रामीणों का कहना है कि, यंहा जमीन से निकल रहा खजाना पुराने समय का है। सिर्फ सिक्के ही नहीं बल्कि अन्य कई तरह के सामग्री के अवशेष प्रमाण भी यहां मिल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ गांव के सरपंच का कहना है कि, उनकी ओर से इस घटना की सूचना पुरातत्व विभाग को दे दी गई है।
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करीब 500 साल पुराने हो सकते हैं सिक्के
मड़ियादो – मादो – चंदेना के लिए चल रहे सड़क निर्माण कार्य के लिए खुदाई का काम चलने के दौरान पूर्व सरपंच के खेत से सिक्के निकलने लगे, जिसपर बड़ी संख्या में सिक्कों की खोज करने ग्रामीण गेती फावड़ा लेकर संबंधित खेत पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि, जमीन से निकल रहे सिक्के चौकोर आकार के हैं, जो तांबा, पीतल और अन्य ठोस धातुओं से बे हुए लग रहे हैं। सिक्कों पर उर्दू लिखावट देखकर माना जा रहा है कि, ये सिक्के मुगलकालीन हो सकते हैं, जो करीब 500 साल पुराने होने की संभावना है।