दमोह. यातायात नियमों के प्रति जागरूकता की कमी और हेलमेट पहनने की अनदेखी के कारण जिले में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिले में 80 फीसदी से ज्यादा बाइक सवार हेलमेट पहनने से परहेज कर रहे हैं। जिसका नतीजे हादसों में गंभीर घायल या मौत के रूप में सामने आ रहे हैं। यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार बाइक सवार ही हो रहे हैं। हेलमेट न पहनने की वजह से इन हादसों में गंभीर चोटें और मौतें हो रही हैं। हेलमेट के बिना सड़क पर निकलने वाले बाइक सवारों की सुरक्षा खतरे में डालने के साथ साथ प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बन चुका है।
यातायात पुलिस ने कई बार हेलमेट पहनने की अपील की है, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है। 2025 के पिछले एक सप्ताह में ही हेलमेट न पहनने के कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं। जिनमें बाइक कुछ सवारों की जान तक चली गई। इनमें अधिकतर ने हेलमेट नहीं पहना था। हेलमेट न पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में चोटों का खतरा बढ़ जाता है, जो न सिर्फ बाइक सवार के लिए बल्कि अन्य राहगीरों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। इसके अलावा जिले के अस्पतालों में बढ़ते हुए हादसों की संख्या भी चिंता का विषय बन चुकी है। डॉक्टर विक्रांत सिंह का कहना है कि हेलमेट पहनने से सिर में चोटों की गंभीरता कम होती है, जिससे दुर्घटना के बाद इलाज में भी आसानी होती है। हालांकि हेलमेट पहनने की अनदेखी के कारण गंभीर दुर्घटनाओं में मरीजों को तुरंत इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है।
अभियान और कार्रवाई बेअसर
यातायात पुलिस ने बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया है, लेकिन हेलमेट पहनने की आदत को लेकर यह अभियान बेअसर साबित हो रहा है। बता दें कि शहर के हटा नाका पर मंगलवार को भी यातायात पुलिस ने बगैर हेलमेट चालकों पर चालानी कार्रवाई की। साथ ही वाहन चालकों को हेलमेट की आवश्यकता के विषय में जागरूक भी किया।
यातायात पुलिस ने बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया है, लेकिन हेलमेट पहनने की आदत को लेकर यह अभियान बेअसर साबित हो रहा है। बता दें कि शहर के हटा नाका पर मंगलवार को भी यातायात पुलिस ने बगैर हेलमेट चालकों पर चालानी कार्रवाई की। साथ ही वाहन चालकों को हेलमेट की आवश्यकता के विषय में जागरूक भी किया।