यज्ञकुंड में दी आहूति
सुबह जैसे ही चंद्रप्रभु को निर्वाण के साथ मोक्ष हुआ वहीं उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ससंघ सानिध्य मे प्रतिष्ठाचार्य अभिषेक जैन व आशीष जैन दमोह ने मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञनायक, सौधर्म इन्द्र, कुबेर सहित इंद्र-इंद्राणियों ने विश्व शांति महायज्ञ में अग्नि प्रकट कर पूरे विश्वशांति के लिए यज्ञकुंड में आहूति देकर विश्व की कामना करते हुए पूर्णाहूति दी गई।
सुबह जैसे ही चंद्रप्रभु को निर्वाण के साथ मोक्ष हुआ वहीं उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ससंघ सानिध्य मे प्रतिष्ठाचार्य अभिषेक जैन व आशीष जैन दमोह ने मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञनायक, सौधर्म इन्द्र, कुबेर सहित इंद्र-इंद्राणियों ने विश्व शांति महायज्ञ में अग्नि प्रकट कर पूरे विश्वशांति के लिए यज्ञकुंड में आहूति देकर विश्व की कामना करते हुए पूर्णाहूति दी गई।
उमड़ा जन सैलाब
महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव के अन्तिम दिन भगवान चंद्रप्रभु को मोक्ष प्राप्ति के उपरांत गजरथ फेरी निकाली गई। जिसमे समाज का जनसैलाब उमड़ा पडा। गजरथ रथयात्रा में सबसे आगे हाथी पर जैन ध्वज के साथ रथ के मुख्य सरार्थी थे। गजरथ रथयात्रा में सौ धर्म इंद्रा सहित इंदा इंद्राणी सवार होकर भगवान चंद्रप्रभु की प्रतिमा को लेकर बैठे थे। गजरथ फेरी मे उपाध्यायश्री विहसंत सागर महाराज, मुनिश्री विश्व सौम्या सागर महाराज ससंघ एवं हजारों की संख्या मे जैन समाज के लोगो ने पंडाल की सात परिक्रम लगाई गई। राजस्थान टोंक से आया हेलीकॉप्टर में जैन समाज के अलग-अलग परिवार द्वारा ऊपर से रथ पर पुष्पावर्षा की गई।
महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव के अन्तिम दिन भगवान चंद्रप्रभु को मोक्ष प्राप्ति के उपरांत गजरथ फेरी निकाली गई। जिसमे समाज का जनसैलाब उमड़ा पडा। गजरथ रथयात्रा में सबसे आगे हाथी पर जैन ध्वज के साथ रथ के मुख्य सरार्थी थे। गजरथ रथयात्रा में सौ धर्म इंद्रा सहित इंदा इंद्राणी सवार होकर भगवान चंद्रप्रभु की प्रतिमा को लेकर बैठे थे। गजरथ फेरी मे उपाध्यायश्री विहसंत सागर महाराज, मुनिश्री विश्व सौम्या सागर महाराज ससंघ एवं हजारों की संख्या मे जैन समाज के लोगो ने पंडाल की सात परिक्रम लगाई गई। राजस्थान टोंक से आया हेलीकॉप्टर में जैन समाज के अलग-अलग परिवार द्वारा ऊपर से रथ पर पुष्पावर्षा की गई।