27 फरवरी 2002
गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई। एस-6 कोच में जलकर 59 की मौत। इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हो गए थे। इनमें कई लोग मारे गए थे। ट्रेन में आग लगाने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई। एस-6 कोच में जलकर 59 की मौत। इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हो गए थे। इनमें कई लोग मारे गए थे। ट्रेन में आग लगाने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
3 मार्च 2002
ट्रेन में आग लगाने वाले आरोपियों पर पोटा ( आतंकवाद निरोधक अध्यादेश) लगाया, बाद में हटाया। 6 मार्च 2002
साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और इसके बाद हुए उपद्रवों की जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
ट्रेन में आग लगाने वाले आरोपियों पर पोटा ( आतंकवाद निरोधक अध्यादेश) लगाया, बाद में हटाया। 6 मार्च 2002
साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और इसके बाद हुए उपद्रवों की जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
18 फरवरी 2003
फिर आरोपियों पर पोटा लगा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में न्यायिक सुनवाई पर रोक लगाई। 21 सितंबर 2004
यूपीए सरकार ने पोटा कानून खत्म किया। जनवरी 2005
यूसी बनर्जी समिति ने बताया कि ट्रेन में लगी आग एक्सीडेंट था। बाहरी लोगों ने आग नहीं लगाई।
फिर आरोपियों पर पोटा लगा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में न्यायिक सुनवाई पर रोक लगाई। 21 सितंबर 2004
यूपीए सरकार ने पोटा कानून खत्म किया। जनवरी 2005
यूसी बनर्जी समिति ने बताया कि ट्रेन में लगी आग एक्सीडेंट था। बाहरी लोगों ने आग नहीं लगाई।
13 अक्टूबर 2006
गुजरात हाईकोर्ट ने यूसी बनर्जी समिति की रिपोर्ट को खारिज किया। 2008 में फिर जांच आयोग बनाया गया और जांच का जिम्मा नानावटी आयोग को दिया गया। आयोग ने रिपोर्ट में बताया कि आग लगना एक्सीडेंट नहीं षडयंत्र ही था।
गुजरात हाईकोर्ट ने यूसी बनर्जी समिति की रिपोर्ट को खारिज किया। 2008 में फिर जांच आयोग बनाया गया और जांच का जिम्मा नानावटी आयोग को दिया गया। आयोग ने रिपोर्ट में बताया कि आग लगना एक्सीडेंट नहीं षडयंत्र ही था।
18 जनवरी 2011
सुप्रीम कोर्ट ने केस में न्यायिक कार्रवाई को लेकर रोक हटाई। 22 फरवरी 2011
स्पेशल कोर्ट ने गोधरा कांड में 31 लोगों को दोषी पाया, 63 बारी किया। 1 मार्च 2011
स्पेशल कोर्ट ने इस कांड 11 को फांसी, 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 2014 में नानावती आयोग ने 12 साल की जांच के बाद गुजरात दंगों पर आखिरी रिपोर्ट तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी।
सुप्रीम कोर्ट ने केस में न्यायिक कार्रवाई को लेकर रोक हटाई। 22 फरवरी 2011
स्पेशल कोर्ट ने गोधरा कांड में 31 लोगों को दोषी पाया, 63 बारी किया। 1 मार्च 2011
स्पेशल कोर्ट ने इस कांड 11 को फांसी, 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 2014 में नानावती आयोग ने 12 साल की जांच के बाद गुजरात दंगों पर आखिरी रिपोर्ट तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी।