जिंदगी में पांच बार फूट-फूटकर रोए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, जानिए कौन से थे वो मौके?
जानकारी के अनुसार क्यूआर फ्रॉड के माध्यम से हर्षिता केजरीवाल के साथ 34 हजार की ठगी कर ली गई। हालांकि फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। साइबर सेल से जुड़े लोग बताते हैं कि क्यूआर कोड संबंधी फ्रॉड़ ऑनलाइन पेमेंट करने या ओएलएक्स जैसी वेबसाइटों पर भी होने वाली खरीद फरोक्त के समय होती हैं। इसलिए आपको बहुत अधिक संभलकर चलने की जरूरत है। कोई भी क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले आपको उसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल होगा कि आखिर ये क्यूआर कोड है क्या और इसके माध्यम से फ्रॉड कैसे होता है।
दरअसल, क्यूआर कोड बल्कि बार कोड के जैसा होता है। इसमें कुछ लिखा तो नहीं होता, लेकिन स्कवायर में बहुत छोटे काले व सफेद बॉक्स और लाइंस होती हैं। यह किसी भी लिंक का पाथ होता है। इसको ही क्यूआर कोड यानी क्विक रिसपोंस कोड कहते हैं। ऐसे में आप डिजीटल पेंमेट के लिए किसी का भी क्यूआर कोड ही स्कैन करते हैं।
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ऐसे होती है ठगी
क्यूआर कोड के माध्यम से ठगी अधिकांश मामलों में होती है, जब किसी यूजर को पेमेंट लेना होना होता है। जैसे कि आप अगर ओएलएक्स पर अपना कोई सामान बेच रहे हैं तो आपको साथ ऑनलाइन ठगी होनी संभावना अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में ऑनलाइन ठग आपको अपना शिकार बना सकता है। दरअसल, ये डिजीटल ठग आपको सेंड मनी का नहीं, बल्कि रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेजते हैं। आप जैसे ही उस लिंक को खोलकर उसको एक्सपेप्ट करते हैं तो आपके खाते से उतरी राशि कट जाती है, जितनी के लिए आपसे रिक्वेस्ट की गई थी।