अब दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) आतंकी अशरफ ( Terrorist Mohammad Ashraf ) का ब्रैन मैपिंग टेस्ट ( Brain Mapping Test ) करवाएगी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) को इसकी अनुमति मिल गई है। माना जा रहा है कि ब्रेन मैपिंग टेस्ट के बाद आतंकी हमलों की साजिश से जुड़े कुछ औ चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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Delhi: अफगानिस्तान की स्थिति पर 8 देशों के NSA ने जताई चिंता, डोभाल बोले- अफगानों की करेंगे अशरफ ने बताया कि जगहों पर की थी रेकीअब तक की हुई पूछताछ में आतंकी अशरफ ने बताया है कि उसने दिल्ली के कई क्षेत्रों में रेकी की थी। इनमें हाई कोर्ट ( High Court ) के अलावा तीस हजारी कोर्ट, दिल्ली कैंट एरिया, इंडिया गेट और पूरा राजपथ का क्षेत्र शामिल था।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मो. अशरफ की रिमांड खत्म होने के बाद बीते सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
बता दें कि अब आतंकी मोहम्मद अशरफ से पूछताछ के लिए कई टेस्ट हो चुके हैं। इनमें CBI की CFSL में पॉलीग्राफी टेस्ट, गुजरात में नारको टेस्ट प्रमुख रूप से शामिल है। बताया जा रहा है कि तीन से चार दिन में नारको टेस्ट की रिपोर्ट आ सकती है। इस टेस्ट की रिपोर्ट के जरिए भी कुछ खुलासे हो सकते हैं।
वहीं, पूछताछ में आतंकी ने बताया कि वह ISI का स्लीपर सेल है और भारत में काफी आतंकी वारदात और स्लीपर सेल की भूमिका में एक्टिव रहा था। हालांकि पुलिस दिल्ली में पिछले कई सालों में हुए धमाकों में उसकी क्या भूमिका रही है, यह भी पता कर रही है।
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा अशरफ
बता दें कि स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक आतंकी अशऱफ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और न ही वह पूछताछ में कुछ ठीक से बता रहा है। यही वजह है कि मो. अशरफ का ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया जाएगा।
स्पेशल सेल रोहिणी स्थित FSL से टेस्ट की तारीख लेगी और उसके बाद आतंकी को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा।
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Singhu Border: एक और किसान की मौत, पेड़ पर फंदे से लटका मिला शव इससे पहले आतंकी मो. अशरफ ने पूछताछ में बताया था कि उसे पाकिस्तान ISI ने आदेश दिए थे कि वह दिल्ली में खास जगहों की रैकी करें, जिसके चलते उसने हाई कोर्ट के साथ-साथ तीस हजारी कोर्ट, इंडिया गेट, पूरे राजपथ व दिल्ली कैंट इलाके की रैकी थी। हालांकि रास्ता छोटा होने की वजह से साजिश को अंजाम नहीं दिया जा सका था।