ये है मामला
एक विज्ञापन एजेंसी ने अदालत में याचिका लगाई थी कि रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत ने फिल्म ‘कोचादाइयान’ के टेलीकास्ट राइट के मामले में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था। इस मामले में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज किया जाए। विज्ञापन एजेंसी ने याचिका में यह भी कहा था कि रजनीकांत की पत्नी ने उनसे 10 करोड़ रुपए लेने के बाद फिल्म का अधिकार दूसरी कंपनी को बेच दिया।
क्या कहा अदालत ने
इस मामले में फरवरी 2018 में सुनवाई करते हुए शीर्श अदालत ने कहा था कि अगर रजनीकांत की पत्नी लता की कंपनी वन ग्लोबल इंटरटेनमेंट पैसे अदा नहीं करती तो यह पत्नी रजनीकांत की पत्नी को खुद देने होंगे। इसके बाद इसी मामले में 16 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने रजनीकांत की पत्नी लता को आदेश देते हुए कहा कि उन्हें 12 हफ्ते के भीतर एड फैक्टर नाम की एड एजेंसी को 6.2 करोड़ रुपए देने होंगे।
रजनीकांत की पत्नी ने नहीं दिए पैसे तो फिर कर रहे थे सुनवाई
शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद जब इस एड एजेंसी को रकम नहीं मिली तो वह एक बार फिर अदालत की शरण में आई थी। जबकि रजनीकांत की पत्नी लता ने शीर्ष अदालत को समय के भीतर रकम भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसी वजह से गुस्साई अदालत ने मंगलवार को रजनीकांत की पत्नी लता पर सख्त टिप्पणी की।
कहा, सामना करें ट्रायल का
शीर्ष अदालत ने रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत पर धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और ठगी का ट्रायल चलाने का आदेश दिया। बता दें कि इस संबंध में पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला था। उसने एफआइआर रद्द कर दिया था। इस फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुरुआती दौर में ही कहा कि हाईकोर्ट को ये कह कर केस को रद्द नहीं करना चाहिए था कि ये मामला ठगी या धोखाधड़ी का नहींद्ध बल्कि ब्रीचिंग एग्रीमेंट का है। इस मामले में अदालत के इस आदेश के आलोक में अब एफआइआर की दोबारा जांच होगी और नए सिरे से चार्जशीट दाखिल की जाएगी।