गर्दन पर चोट का निशान
मोहाली के डीएसएपी आलम विजय सिंह ने कहा केजे सिंह और उनकी मां की गर्दन पर चोट के निशान मिले हैं। मौका-ए-वारदात पर भारी संख्या में पुलिस और पत्रकार पहुंच गए हैं।
गौरी लंकेश ही नहीं इन पत्रकारों को भी सच बोलने पर मिल चुकी है मौत
घर से गायब कीमती सामान
मोहाली एसएसपी कुलदीप चहल ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा शक होता है कि यह हत्या लूटपाट के इरादे से की गई है। मौके से एक कार, घर के कीमती सामान और एक एलईडी टीवी गायब है। घर का सामान भी बिखरा हुआ है।
घर से गायब कीमती सामान
मोहाली एसएसपी कुलदीप चहल ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा शक होता है कि यह हत्या लूटपाट के इरादे से की गई है। मौके से एक कार, घर के कीमती सामान और एक एलईडी टीवी गायब है। घर का सामान भी बिखरा हुआ है।
मां के साथ रहते थे केजे सिंह
पुलिस के मुताबिक केपी सिंह मोहाली के फेज-3 के मकान संख्या 1796 में अपनी मां गुरुचरण के साथ रहते थे। दोपहर में खाना लेकर इनका भजीता पहुंचा तो घर का दरवाजा खुला था। घर में घुसते ही उसने देखा कि हर तरफ खून बिखरा पड़ा है। एक कमरे में चाचा (केपी सिंह) का शव खून से सना पड़ा था और दूसरे कमरे में उनकी मां का शव।
बादल ने कहा- दोषियों की गिरफ्तारी हो
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने पत्रकार केजे सिंह की हत्या की निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है अभी सुना की वरिष्ठ पत्रकार केजे सिंह और उनकी मां की हत्या कर दी गई है। मैं इस हत्या की निंदा करता हूं। अधिकारियों से अनुरोध करता हूं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़े।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने पत्रकार केजे सिंह की हत्या की निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है अभी सुना की वरिष्ठ पत्रकार केजे सिंह और उनकी मां की हत्या कर दी गई है। मैं इस हत्या की निंदा करता हूं। अधिकारियों से अनुरोध करता हूं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़े।
4 सितंबर को लंकेश की हत्या
बता दें कि सितंबर महीने में ही केजी सिंह से पहले दो अन्य पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। 4 सितंबर सितंबर को बेंगलुरु के राजाराजेश्वरी नगर में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लंकेश कन्नड़ साप्ताहिक अखबार की संपादक थी। उन्हें हिंदुत्ववादी राजनीति का आलोचक माना जाता था।
बता दें कि सितंबर महीने में ही केजी सिंह से पहले दो अन्य पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। 4 सितंबर सितंबर को बेंगलुरु के राजाराजेश्वरी नगर में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लंकेश कन्नड़ साप्ताहिक अखबार की संपादक थी। उन्हें हिंदुत्ववादी राजनीति का आलोचक माना जाता था।
21 सितंबर को शांतनु भौमिक की हत्या
वहीं 21 सितंबर को त्रिपुरा के स्थानीय न्यूज चैनल के युवा और तेज तर्रार पत्रकार शांतनु भौमिक की अपहरण के बाद हत्या हो गई। शांतनु त्रिपुरा में इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का आंदोलन कवर कर रहे थे। उसी दौरान उनपर पीछे से हमला करके उन्हे अगवा कर लिया गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई।
वहीं 21 सितंबर को त्रिपुरा के स्थानीय न्यूज चैनल के युवा और तेज तर्रार पत्रकार शांतनु भौमिक की अपहरण के बाद हत्या हो गई। शांतनु त्रिपुरा में इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का आंदोलन कवर कर रहे थे। उसी दौरान उनपर पीछे से हमला करके उन्हे अगवा कर लिया गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई।