नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के प्रमुख शरद कुमार ने मंगलवार को कहा कि पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर आतंकी हमले के संबंध में एजेंसी भी पाकिस्तान जाकर सबूत एकत्रित करना चाहती है और वह इसके लिए पाकिस्तान से आग्रह करेंगे। जनवरी में पठानकोट में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से आया संयुक्त जांच दल (जेआईटी) वायुसैनिक अड्डे का मंगलवार को दौरा करने के बाद वापस नई दिल्ली लौट आया।
एनआईए के महानिदेशक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत ने इस हमले को अंजाम देने में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई मोहम्मद राउफ के हाथ होने के सबूत जेआईटी को सौंपे। कुमार ने कहा, पाकिस्तानी दल मंगलवार को पठानकोट गया। उनके वापस लौटने पर हम उन्हें इस हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता के ठोस सबूत दे रहे हैं।
कुमार ने कहा कि पाकिस्तानी जांच दल और एनआईए भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूद कानूनी प्रक्रिया के तहत एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। जेआईटी को पठानकोट हमले से जुड़े विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया। इस दौरान एन आईए का एक दल पूरे समय पाकिस्तानी जेआईटी के साथ था। उन्होंने कहा कि इस कवायद का उद्देश्य पाकिस्तानी जेआईटी को सबूत मुहैया कराना है ताकि हमले के दोषियों को पाकिस्तान में प्रभावी सजा दी जा सके।
सूत्रों के अनुसार वायुसैनिक अड्डे में पाकिस्तानी जांच दल के दौरे के लिए खास इंतजाम किए गए थे। पाकिस्तानी दल को वायुसैनिक अड्डे के मुख्य द्वार के बजाय मुठभेड़ स्थल के निकट दीवार तोड़कर बनाए गए विशेष द्वार से अंदर ले जाया गया। अड्डे के सभी प्रमुख इलाकों को टेंट लगाकर घेरा गया था। बाद में उन्हें अस्पताल में मारे गए आतंककारियों के शवों को दिखाया गया।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि जेआईटी गुरदासपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह से भी पूछताछ करेगी। साथ ही उसके रसोइये मदन गोपाल और ज्वैलर दोस्त राजेश वर्मा से भी पूछताछ करेगी।