BIG NEWS: महाराष्ट्र में हो गया भीषण सड़क हादसा, बस-ऑटो एक्सीडेंट के बाद हर तरफ मच गई चीखपुकार, इतनी लाशें दरअसल बुधवार को एक अन्य दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर सजा-ए-मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इस पेटिशन पर सुनवाई के लिए हामी भरी। बृहस्पतिवार दोपहर 1 बजे जस्टिस जेवी रमन्ना की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
अक्षय की ओर से क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने वाले वकील एपी सिंह ने कहा कि मौजूदा याचिका को सुप्रीम कोर्ट को मंजूर करना चाहिए और इसे 5 मई 2017 के आदेश से अलग देखना चाहिए जिसमें दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी गई थी।
इस याचिका के मुताबिक, “याचिकाकर्ता की सजा को आजीवन कारावास के रूप में संशोधित कर दिया जाए क्योंकि यह उन सभी उद्देश्यों को पूरा करता है जिनका दावा मृत्युदंड में किया जाता है, जो निकट भविष्य में संभावित वास्तविकता से समाज की सेवा और रक्षा करता है, जिसमें सभी के लिए यातना और हत्या, न्याय के साथ न्याय के समान है।”
#CAA के खिलाफ प्रदर्शनों पर बड़ा खुलासा, PFI ने 134 करोड़ रुपये की फंडिंग की, दिग्गज वकीलों का भी नाम जुड़ा याचिका में यह भी कहा गया है कि आपराधिक आश्रितों की कमी, निवारकता पर गलत निर्भरता, सुधार की संभावना, सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियां, संविधान पीठ के फैसले पर विचार न करना ऐसे तथ्य हैं जिनपर अदालतों द्वारा मृत्युदंड देते वक्त विचार नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल दिसंबर में अक्षय की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते सप्ताह के अंत में एक दोषी मुकेश की राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के आदेश की चुनौती वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया।