क्राइम

अपराध की ओर बढ़ रहे देश के महानगर, एक साल में 48 लाख से ज्यादा क्राइम: NCRB

एनसीआरबी ने पहली बार 20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले 19 शहरों में हुए अपराध के आंकड़ों को विभिन्न श्रेणियों में दर्ज किया है।

Nov 30, 2017 / 07:15 pm

Chandra Prakash

Crime

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने गुरुवार को 2016 में देश भर में हुए अपराधों के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में पहली बार 20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले 19 शहरों के आंकड़े विभिन्न श्रेणियों में दर्ज किए गए हैं। इस साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार लापता व्यक्ति और बच्चों के आंकड़े अलग श्रेणी में दिए गए हैं। इसके अलावा पहली बार नकली भारतीय मुद्रा के मामले (एफआईसीएन) और विभिन्न केंद्रीय बलों की ओर से जब्त किए हथियार, गोला बारूद, नशीले पदार्थ और मुद्रा के मामले भी श्रेणीबद्ध किए गए हैं। इस साल रेलवे एक्ट 1989 और रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 के तहत दर्ज मामलों और निपटारों की संख्या भी सूचीबद्ध की गई है।
48 लाख से ज्यादा बढ़ा अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में कुल 48 लाख 31 हजार 515 अपराध दर्ज किए हैं। इनमें से 29 लाख 75 हजार 711 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दर्ज किए गए, जबकि 18 लाख 55 हजार 804 मामले विशेष और राज्य स्तरीय कानूनों के तहत दर्ज हुए। 2015 में कुल 47 लाख 10 हजार 676 मामले दर्ज किए गए थे। इस तरह 2016 में अपराधों की संख्या में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। आईपीसी के मामलों में यह बढ़ोतरी 0.9 प्रतिशत और अन्य कानूनों में 5.4 प्रतिशत रही।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक अपराध संख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य अपराध के मामले में भी सबसे आगे हैं। इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष स्थान पर है।

राज्य हिस्सेदारी
उत्तर प्रदेश- 9.5 प्रतिशत
मध्य प्रदेश- 8.9 प्रतिशत
महाराष्ट्र- 8.8 प्रतिशत
केरल- 8.7 प्रतिशत

अपराध दर के मामले में दिल्ली अव्वल
ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रति एक लाख जनसंख्या के आधार पर अपराध दर के मामले में देश की राजधानी दिल्ली सबसे आगे है। जबकि दूसरे स्थान पर शिक्षित राज्य कहे जाने वाला केरल है और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है।

राज्य अपराध दर
दिल्ली- 975
केरल- 728
मध्य प्रदेश- 338
राष्ट्रीय औसत- 234

आईपीसी के 47 प्रतिशत मामलों में सजा
2016 में आईपीसी से जुड़े मामलों में 72.9 प्रतिशत मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई। इनमें से 46.8 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को सजा हुई। 2016 में दर्ज किए गए सभी अपराधों में 37 लाख 37 हजार 870 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 32 लाख 71 हजार 262 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इनमें से 7 लाख 94 हजार 616 को सजा हुई और 11 लाख 48 हजार 824 आरोपियों को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया।
19 महानगरों में अपराध
– दिल्ली (38.8 प्रतिशत), बंगलुरू (8.9 प्रतिशत) और मुंबई (7.7 प्रतिशत) सबसे आगे रहे कुल अपराध के मामले में
– दिल्ली (48.3 प्रतिशत), मुंबई (16.6 प्रतिशत) और बंगलुरू (7.8 प्रतिशत) के साथ हिंसक अपराधों में सबसे आगे।
– 2194 हत्याएं हुई 19 महानगरों में। दिल्ली (479), बंगलुरू (229) और पटना (195) सबसे अव्वल।
– 41761 मामले सामने आए महिला हिंसा के महानगरों में।
– 40 प्रतिशत दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए दिल्ली में। महानगरों में सबसे ज्यादा।
– दिल्ली (5942), जयपुर (4742) और मुंबई (4191) आर्थिक अपराध के मामले में रहे अव्वल।
– 4172 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए महानगरों में। मुंबई 980 मामलों के साथ सबसे आगे।
 

हत्या के मामलों में 5 प्रतिशत की कमी
हिंसक अपराधों में इस साल 0.8 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि पिछले साल हिंसक अपराधों में 1.7 प्रतिशत की कमी आई थी। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4889 हत्या के मामले दर्ज किए गए। दूसरे स्थान पर बिहार रहा जहां 2016 में 2581 हत्या के मामले सामने आए।
हिंसक अपराध 2014 2015 (बदलाव) 2016 (बदलाव)
हत्या: 33981 32127 (-5.5%) 30450 (-5.2%)
अपहरण: 77232 82999 (7.5%) 88008 (6%)
दंगा: 66042 65255 (-1.2%) 61974 (-5.0%)
लूट: 38071 36188 (-4.9%) 31906 (-11.8%)
डकैती: 4395 3972 (-9.6%) 3795 (-4.5%)
कुल= 433349 425922(-1.7%) 429299 (0.8%)

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