घटना के संबंध में बताया जाता है कि बीजेपी नेता अरुण यादव ने पहले अपनी पत्नी प्रीति की गोली मारकर हत्या की फिर उसके बाद खुद को भी शूट कर लिया। स्थानीय लोगों से घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया है। इसके बाद पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है।
मेयर पद पर चुनाव लड़ने वाली थी प्रीति, दोनों कर रहे थे प्रचार-
बता दें कि घटना मुंगेर जिला के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत लाल दरवाजा मोहल्ला की है। इसी मोहल्ले में भाजपा नेता अरुण यादव का मकान है। अरुण यादव इस समय बीजेपी ओबीसी मोर्चा में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वहीं वो इस बार होने वाले मेयर चुनाव में अपनी पत्नी प्रीति को मेयर के पद पर लड़वाना चाह रहे थे। इसके लिए दोनों प्रचार-प्रसार भी कर रहे थे।
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पिता बोले- मेयर चुनाव प्रचार को ले दोनों में चल रहा था विवाद-
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने मौके से एक पिस्टल और एक कट्टा समेत जिंदा कारतूस बरामद किया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार हत्या का कारण दोनों के बीच वैचारिक मतभेद होना बताया जा रहा है। अरुण यादव के पिता फुलेश्वर यादव ने बताया कि मेरा बेटा अरुण अपने पत्नी प्रीति को प्रचार प्रसार में जाने के लिए कहता था मगर प्रीति जनसंपर्क अभियान में लगातार जाने के कारण थकी हुई थी, जिस कारण अब वह क्षेत्र में जाने से कतरा रही थी। इसी बात को लेकर पिछले 3 दिनों से अरुण यादव और उसकी पत्नी प्रीति कुमारी के बीच विवाद चल रहा था।
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दियारा के दबंग के रूप में थी अरुण यादव की छवि-
दूसरी ओर घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों की मानें तो भाजपा नेता अरुण यादव का अपराधिक इतिहास भी रहा है। मगर भाजपा में आने के बाद वह समाजसेवा में जुट गया था। पति-पत्नी के मौत के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। दबे जुबान में कुछ लोगों ने बताया कि अरुण यादव की छवि दियारा के दबंग के रूप में थी।