जी हां! हम बात कर रहे हैं एक ऐसे अपराधी की जिसने लगभग तीस साल पहले कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया, इसके बाद पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान छुपाकर दूसरे राज्य में बस गया। लगभग तीस साल बाद जब पुलिस को इस मोस्ट वांटेड क्रिमिनल के बारे में पता चला तो, उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई।
हम बात कर रहे हैं हरियाणा राज्य के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल ओम प्रकाश उर्फ पाशा की। पाशा ने न सिर्फ अपनी पहचान बदली, बल्कि उसने 28 कम बजट वाली फिल्मों में काम भी किया। मोस्ट वांटेड पाशा फिल्मों में कभी पिता का रोल निभाता तो, कभी डॉक्टर का। इतना ही नहीं पाशा ने पुलिस का भी रोल निभाया है। ओम प्रकाश उर्फ पाशा अब जेल में बंद है। हरियाणा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साल 2022 के अगस्त महीने में 30 साल बाद उसे गिरफ्तार किया था।
हत्या, लूट समेत कई मामलों में था वांटेड
ओम प्रकाश उर्फ पाशा पर लूट, चोरी, मारपीट और हत्या के मामले दर्ज थे। लगभग तीन दशक पहले 15 जनवरी 1992 को हरियाणा के भीवानी में पाशा और उसके दोस्त ने मिलकर एक बाइक सवार से लूट और उसकी मोटरसाइकिल छीनने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने बाइक सवार पर चाकू से हमला कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन पाशा पुलिस के हाथों से बचने में कामयाब रहा और फरार हो गया। कई सालों तक पुलिस को उसकी तलाश थी, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद स्पेशल टॉस्क फोर्स यानी STF ने उसे मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल कर दिया। एसटीएफ ने इस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
फरारी के दौरान बसाया अपना नया परिवार
बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ओम प्रकाश उर्फ पाशा साल 1992 में हुई हत्या का जिम्मेदार अपने साथी को ठहराता है। इसने फरारी के दौरान अपना नया घर बसाने का सोचा और साल 1997 में राजकुमारी नाम की महिला से शादी कर ली। पाशा की दूसरी पत्नी से एक 21 साल का बेटा और 14 साल की बेटी समेत 3 बच्चे हैं। पाशा की दूसरी शादी को भी 25 साल पूरे हो गए हैं। सब कुछ इतना बदल जाने के बाद भी पाशा ने अपनी बीबी, बच्चों को अपने पुराने अपराध की भनक तक लगने नहीं दी। जब राजकुमारी को गिरफ्तारी के बारे में पता चला तो, वह सदमें में आ गई।
सेना में कर चुका है काम
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, उसने 80 -90 के दशक में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया। उस समय उसे पकड़ा गया और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। ओम प्रकाश उर्फ पाशा सेना में भी 12 साल काम कर चुका है। सेना में वह ट्रक चलाता था। लेकिन अचानक ड्यूटी से चार साल गायब रहने की वजह से उसे साल 1988 में नौकरी से निकाल दिया गया।
30 साल बाद ऐसे पकड़ा गया मोस्ट वांटेड पाशा
ओम प्रकाश उर्फ पाशा हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के नरैनी गांव का रहने वाला है। साल 2020 में हरियाणा स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन किया गया। जिसके बाद इसका केस एक बार फिर रिओपन हुआ। इसके बाद एसटीएफ ने इसे मोस्ट वांटेड क्रिमिनल की लिस्ट में डाल दिया और इस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना घोषित कर दिया गया।
कहानी में थोडा पीछे जाते हैं। साल 2007 में पाशा ने अपना नया आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनवाया। इसमें पता तो, गाजियाबाद का था। लेकिन नाम और पिता का नाम पुराना ही था। एसटीएफ को जांच में इसकी जानकारी मिली। फिर क्या था, पुलिस 30 साल पहले की फोटो लेकर गाजियाबाद पहुंच गई और ओम प्रकाश की तलाश में जुट गई। क्राइम बांच की टीम में शामिल सब – इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने बताया, “पुलिस ने एक सप्ताह तक इलाके की रेकी की और उसके घर की पहचान की। उनका कहना है कि उन्हें पहचान करने में भी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके पास केवल 30 साल पुरानी एक तस्वीर थी। अब उसकी उम्र 65 साल की हो चुकी थी और हुलिया एकदम बदल चुका था।” बहरहाल, पुलिस को काफी सालों बाद कामयाबी हाथ लगी और पाशा गिरफ्तार हो गया। इस समय ओम प्रकाश उर्फ पासा जेल में बंद है।