वहीं ट्रक के मलबे मे दबे सभी शवों को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया।
पैदल और साइकिल पर चलकर थक चुके इन मजदूरों ने एक ट्रक से मदद की गुहार लगाई थी। ताकि जल्दी अपने घर पहुंच सकें, लेकिन शायद इन्हें मालूम नहीं था कि मौत इनके ट्रक में चढ़ने का ही इंतजार कर रही थी।
इन लोगों को बैठान के सिर्फ चार किलोमीटर बाद ही ट्रक दुर्घटना का शिकार हो गया। मृतक पश्चिम चंपारण के रहने वाले बताया जा रहा है। वहीं बस दरभंगा से बांका जा रही थी।
बस पर श्रमिक एक्सप्रेस से आये हुए प्रवासी मजदूर सवार थे। बस चालक की गलती के कारण स्थानीय लोगों की ओर से यह दुर्घटना होने की बात बताई जा रही है।
आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद से ही घर वापसी के लिए तरस रहे प्रवासी लगातार हादसों का शिकार हो रहे हैं। हाल में यूपी के महोबा में एक डीसीएम पलट गई, जिससे तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। वहीं दर्जन भर से ज्यादा प्रवासी गंभीर रूप से घायल हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के यवतमाल में सुबह एक ट्रक और बस की भिड़ंत हो गई, जिसमें चार प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। ये प्रवासी मजदूर बस में सवार थे और इन्हें बस सोलापुर से झारखंड ले जा रही थी।
यूपी के औरैया जिले में तीन दिन पहले हुए सड़क हदासे के जख्म अभी भरे ही नहीं हैं। इस हादसे में 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। दिल्ली-कानपुर हाइवे पर हुए दर्दनाक हादसे में 36 श्रमिक गंभीर रूप से घायल हैं।