जानकारी के अनुसार मानव अंगों की तस्करी का यह आरोप बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित शुभकांत क्लिनिक पर लगा है। यह क्लिनिक मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर ओपी के बाजी कस्बे में स्थित है। बताया गया कि 33 साल की सुनीता देवी नामक महिला मरीज पेट दर्द से परेशान होकर शुभकांत क्लिनिक पर पहुंची थी। जहां डॉक्टरों ने कहा कि यूट्रस का ऑपरेशन करना होगा। डॉक्टर के कहे अनुसार सुनीता के परिजन ऑपरेशन को तैयार हो गए।
डॉक्टर के कहे अनुसार 30 हजार रुपए जमा करने के बाद 3 सितंबर को सुनीता का ऑपरेशन हुआ। लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला की हालत और खराब हो गई। जिसके बाद उसके परिजन महिला को लेकर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) पहुंचे। जहां 5 सितंबर को पता चला कि उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई हैं।
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पीएमसीएच में किडनी निकालने की बात सामने आते ही सुनीता के परिजनों के होश उड़ गए। फिर मामले की शिकायत पुलिस से की गई। जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने सुनीता के परिजनों की शिकायत पर शुभकांत क्लिनिक के संचालक पवन के खिलाफ ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सुनीता के भाई अरुण ने बताया कि पेट में तेज दर्द से परेशान होकर सुनीता को इलाज के लिए नर्सिंग होम लेकर पहुंचे थे। जांच के बाद यूट्रस निकालने की बात वहां कही गई। 3 सितंबर को बाहर से आए डॉक्टर ने सुनीता का ऑपरेशन किया। लेकिन, इसके बाद उसकी हालत और बिगड़ने लगी। तब नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने उसे पटना ले जाने को कहा। पीएमसीएच में जांच में पता लगा कि दोनों किडनी निकाल ली गई है।
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इधर मामले की शिकायत सामने आने के बाद मुजफ्फर सिविल सर्जन डॉक्टर यूसी शर्मा ने कहा कि सकरा PHC प्रभारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। इधर पुलिस ने बताया कि उक्त क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर नर्सिंग होम संचालक पवन का कहना है यूट्रस के अलावा राइट और लेफ्ट ओवरी का ऑपरेशन हुआ था। यूट्रस और दोनों ओवरी काटकर हटा दिया गया था। किडनी निकालने का आरोप बेबुनियाद है।