एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक कि सोना तस्करी मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम 1967 की धारा 16, 17 और 18 के तहत चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें पीएस सारिथ, स्वप्ना प्रभा सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर शामिल हैं। इन आरोपियों के पास से त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 5 जुलाई को कस्टम (प्रीवेंटिव) कमिशनरेट, कोचीन द्वारा 24 कैरेट के 30 किलोग्राम सोने की बरामदगी की गई थी। इस सोने की कीमत 14.82 करोड़ रुपये आंकी गई है।
एनआईए के मुताबिक यह सोने की यह खेप यूएई से एक राजनयिक बैगेज में लाई गई थी। वियना कन्वेंशन के अनुसार यह बैगेज निरीक्षण से मुक्त है। कथित खेप यूएई कॉन्सुलेट में पहले एक पूर्व जन संपर्क अधिकारी सारिथ के नाम थी। कस्टम विभाग की शुरुआती जांच से यह बात सामने आई है कि सारिथ पहले भी इस तरह की कई खेपें हासिल कर चुका है।
एनआईए द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “यह मामला दूसरे देश से भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी से जुड़ा है। इसलि यह देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। गैरकानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 15 के अंतर्गत यह एक आतंकी गतिविधि के समान है।”
एनआईए ने आगे कहा, “यह मामला ( Kerala Gold Smuggling Case ) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सूत्रों से जुड़ा हुआ है। प्रारंभिक पड़ताल से पता चला है कि तस्करी के सोने का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है। लिहाजा एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में लिया है।”
जानकारी के मुताबिक सारिथ और स्वप्ना यूएई कॉन्सुलेट में साथ काम कर चुके हैं। बाद में स्वप्ना ने आईटी विभाग से जुड़ी एक हाई-प्रोफाइल नौकरी ज्वाइन कर ली। इसके सचिव शिवशंकर थे। एनआईए इस बात की भी जांच कर सकती है कि कहीं किसी फाइल की गोपनीयता तो भंग नहीं हुई है।
इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं कि स्वप्ना की स्नातक की डिग्री फर्जी है। स्वप्ना के भाई के मुताबिक उसे नहीं पता कि वह कक्षा 10 भी पास है या नहीं।
वहीं, केरल में इस मामले से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) से सोना तस्करी मामले की एनआईए-सीबीआई-रॉ से जांच कराए जाने के आदेश देने का आग्रह किया। पार्टी ने पहले ही मुख्यमंत्री विजयन ( Kerala CM Pinarayi Vijayan ) के इस्तीफे की मांग की है। कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल्स के बावजूद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया है।